बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में दो पुलिस अधिकारियों की सजा पर रोक
लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सजा पर रोक लगा दी है
इस्लामाबाद। लाहौर उच्च न्यायालय की रावलपिंडी पीठ ने पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो हत्याकांड में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की सजा पर रोक लगा दी है। समाचार पत्र ‘डान’ के अनुसार रावलपिंडी की आतंकवाद निरोधक कानून (एटीसी) अदालत ने इस वर्ष 31 अगस्त को पूर्व अतिरिक्त महानिरीक्षक सऊद अजीज और पूर्व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक खुर्रम शहजाद को इस हत्याकांड में 17 साल की जेल की सजा सुनायी थी और 10-10 लाख रुपये जुर्माना लगाया गया था।
दोनों अधिकारियों को आपराधिक लापरवाही और अपराध स्थल से सबूत मिटाने के मामले में दोषी करार देते हुए यह सजा सुनायी गयी थी।
न्यायमूर्ति तारिक अब्बासी और न्यायमूर्ति हबिबुल्ला अामिर ने पुलिस अधिकारियों की सजा पर आज रोक लगा दी। पुलिस अधिकारियों ने विभिन्न आधार पर अपनी सजा को अदालत में चुनौती दी थी।
उनके वकीलों आजम नजीर और राज घानिम अबीर ने बताया कि दो -दो लाख रुपये का जमानती बांड जमा कराने के बाद दोनों अधिकारी अदियाला जेल से आज रिहा हो सकते हैं। पुलिस अधिकारियों ने जिरह के दौरान कहा कि न्यायाधीश असगर अली खान ने इस हत्याकांड में प्रतिबंधित तहरीक-ए- तालिबान पाकिस्तान के पांच सदस्यों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। इसके अलावा मुख्य आरोपी के खिलाफ भी नरमी बरती गयी थी लेकिन दोनों पुलिस अधिकारियों को दोषी करार दे दिया गया।
पुलिस अधिकारियों पर यह भी आरोप था कि उन्होंने सुश्री भुट्टो की सुरक्षा में काेताही बरती और उनके शव का पोस्टमार्टम नहीं करवाया।
इस पर दलील दी गयी जब मौत का कारण साफ होता है तो पोस्टमार्टम की जरूरत नहीं रह जाती। भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी पोस्टमार्टम नहीं कराया गया था।


