बांग्लादेश में हसीना को प्रधानमंत्री बताने पर स्थानीय मीडिया हाउस के कार्यालय में आग लगाई
बांग्लादेश में शेख हसीना को प्रधानमंत्री बताने पर स्थानीय मीडिया हाउस के कार्यालय में आग लगा दी गयी है। खुलना में 'डेली देश शोंगजोग' नामक एक स्थानीय मीडिया प्रकाशन के कार्यालय में हसीना को प्रधानमंत्री बताने पर आग लगा दी गई। आगजनी के इस हमले के अपराधियों का पता नहीं चल पाया है
खुलना। बांग्लादेश में शेख हसीना को प्रधानमंत्री बताने पर स्थानीय मीडिया हाउस के कार्यालय में आग लगा दी गयी है।
खुलना में 'डेली देश शोंगजोग' नामक एक स्थानीय मीडिया प्रकाशन के कार्यालय में हसीना को प्रधानमंत्री बताने पर आग लगा दी गई। आगजनी के इस हमले के अपराधियों का पता नहीं चल पाया है।
‘डेली ऑब्जर्वर’ की रिपोर्ट के अनुसार मुंशी महबूबुल आलम ‘सोहाग’ अखबार के संपादक हैं। वह अवामी लीग की खुलना महानगर इकाई के कार्यालय सचिव के रूप में भी काम करते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार शुक्रवार को 30-40 लोगों के एक समूह ने कार्यालय के शटर का ताला तोड़ दिया और टेबल, कुर्सियाँ और अन्य सामान को सड़क पर फेंक कर आग के हवाले कर दिया। बाद में आसपास के लोगों ने आग पर काबू पा लिया। खबर मिलने के बाद पुलिस और पत्रकार घटनास्थल पर पहुंचे।
खुलना पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी (ओसी) हवलदार सनवर हुसैन मासूम ने कहा कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस को मौके पर भेजा गया था।
यह घटना तब हुई जब अखबार ने अवामी लीग के एक नेता की मौत के बारे में हेडलाइन में कहा गया था, 'प्रधानमंत्री शेख हसीना सहित अवामी लीग ने काजी इनायत की मौत पर शोक व्यक्त किया।' रिपोर्ट में हसीना को प्रधानमंत्री बताया गया और पूर्व सांसदों को वर्तमान सांसद लिखा गया।
यह घटना प्रेस सचिव शफीकुल रहमान द्वारा यह दावा किए जाने के कुछ दिनों बाद हुई है कि बांग्लादेश मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के शासन में प्रेस स्वतंत्रता के अभूतपूर्व युग का गवाह बन रहा है जिसमें पत्रकार अब पहले से कहीं अधिक स्वतंत्र रूप से लिख पा रहे हैं।
बांग्लादेश में हालांकि पत्रकारिता में बड़े पैमाने पर दमन देखा गया है, क्योंकि सरकार विरोधी रिपोर्टिंग पर या तो सरकारी कानूनों के माध्यम से प्रतिबंध लगाया गया है या फिर मनगढ़ंत आरोपों पर पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है।
खोजी रिपोर्टिंग को और नुकसान हुआ है, और तटस्थ पत्रकारों को 2024 में जुलाई विद्रोह जैसे विषयों के बारे में मुश्किल सवाल पूछने के लिए मीडिया हाउस से निकाल दिया गया है। कई प्रमुख मीडिया हाउस जैसे कि ‘प्रोथोम एलो’ और ‘डेली स्टार’ पर हमला किया गया है।
मीडिया हाउस पर यह हमला प्रेस की स्वतंत्रता के दमन का नवीनतम उदाहरण है पिछले सप्ताह की शुरुआत में सांस्कृतिक मामलों के सलाहकार से मुश्किल सवाल पूछने के बाद तीन पत्रकारों को निकाल दिया गया था।


