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इंदौर के चुनावी घमासान में सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने

इंदौर संभाग के 8 जिलों में सर्वाधिक 24 लाख 79 हजार 904 मतदाताओं की संख्या वाले इंदौर जिले में विधानसभा चुनाव 2008 में कांग्रेस को तीन जबकि भाजपा को छह सीटें मिली थी

इंदौर के चुनावी घमासान में सभी सीटों पर भाजपा और कांग्रेस आमने सामने
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इंदौर। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर जिले की नौ विधान सभा सीटों पर मौजूदा परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में सीधा मुकाबला दिखायी दे रहा है। चुनावी घमासान में इंदौर जिले की नौ सीटों पर कुल 96 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

भाजपा का गढ़ कहे जाने इंदौर जिले में वर्तमान में एक मात्र राऊ विधान सभा सीट कांग्रेस के पास है। जबकि शेष 8 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का कब्जा है।

वर्ष 2013 विधान सभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से तीन सीटें (इंदौर-3, देपालपुर और सांवेर) छीन ली थी। हालांकि, भाजपा ने अपने कब्जे की राउ विधानसभा सीट गंवा दी थी। जिसके फलस्वरूप वर्तमान में भाजपा के पास आठ सीटें हैं।

इंदौर विधान सभा क्षेत्र क्रमांक एक में वर्ष 2008 से भाजपा विधायक सुदर्शन गुप्ता इस बार कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला को चुनौती दे रहे हैं। गुप्ता ने शुक्ला को वर्ष 2008 में आठ हजार एक सौ तैतीस (80133) मतों से शिकस्त दिया था। गुप्ता को इकसठ हजार सैंतालीस (61047) मत मिले थे जबकि श्री शुक्ला को बावन हजार आठ सौ चौसठ (52864) मत मिले थे।

वर्ष 2013 में गुप्ता ने कांग्रेस के प्रदीप यादव को 61 हजार 963 मतों से धूल चटायी थी। गुप्ता को 99 हजार 558 मत मिले थे जबकि यादव को 37 हजार 595 मतों से ही संतोष करना पड़ा था।

वर्ष 2013 की रणभूमि में कांग्रेस के बागी कमलेश खंडेलवाल ने यादव की जीत की राह में रोढ़े का काम किया था। निर्दलीय खंडेलवाल 45 हजार 382 मतों के साथ दूसरे नंबर पर थे।


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