दस साल में सड़कों पर 10 अरब खर्च!
नगर निगम ने पिछले दस सालों में शहर की मुख्य सड़कों और सहायक सड़कों के डामरीकरण और सीसी रोड निर्माण में दस अरब रूपए खर्च किए हैं

बिलासपुर। नगर निगम ने पिछले दस सालों में शहर की मुख्य सड़कों और सहायक सड़कों के डामरीकरण और सीसी रोड निर्माण में दस अरब रूपए खर्च किए हैं। निगम ने शहर की एक सड़क का दो से तीन बार डामरीकरण किया है। सीवरेज कार्य के कारण नगर निगम ने सड़क निर्माण में एक सौ करोड़ खर्च किए हैं।
सीवरेज ठेकेदार को खर्च करना था। इस वर्ष नगरीय निकाय विभाग के शहर की सड़कों को दुरूस्त करने के लिए डेढ़ सौ करोड़ रूपया दिया है। डेढ़ सौ करोड़ की राशि 76 सड़क और नाली निर्माण में खर्च की जाएगी। सीवरेज का 25 फीसदी कार्य बचा हुआ है परंतु निगम प्रशासन ने सड़क को डामरीकरण शुरू कर दिया है। लेकिन सीवरेज का कार्य होने पर फिर से सड़क खोदा जाएगा। सीवरेज कार्य के कारण और आम जनता के आक्रोश को देखते हुए सड़क का डामरीकरण मजबूरी में कराया जाता रहा है। कुछ माह में शहर की सड़क चकाचक होने के बाद में सीवरेज कार्य शुरू होने से शासन की राशि को बर्बाद किया जाएगा। कांग्रेस पार्षद शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि पिछले दस साल में सड़क निर्माण में दस अरब रूपया खर्च किए जा चुके हैं, मगर शहर की सड़कों की हालत आज भी खराब बनी हुई है।
डेढ़ सौ करोड़ मिले
इस वर्ष नगरीय निकाय विभाग ने शहर की सड़कों और नाली निर्माण के लिए डेढ़ सौ करोड़ की राशि दी है। शहर में सड़क का डामरीकरण का कार्य शुरू हो गया है। शहर की मुख्य सड़क और सहायक सड़कों को मिलकर 76 सड़कों का डामरीकरण और सीसी रोड का निर्माण किया जाएगा जबकि शहर के सड़कों कादो से तीन बार सालभर में डामरीकरण का कार्य कराया जाता है।
क्योंकि सीवरेज का कार्य सन् 2008 से शहर में चल रहा है, परंतु कार्य अभी भी 25 फीसदी बचा हुआ है और इधर शहर का डामरीकरण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। जबकि सीवरेज का कार्य फिर से शुरू होना है तब फिर से सड़क की खोदाई की जाएगी।
पैसे का दुरूपयोग
आम जनता के पैसे का दूरपयोग किया जा रहा है। श्री जायसवाल ने बताया कि विधानसभा चुनाव के पहले सीवरेज प्रोडेक्ट का उद्घाटन करने की योजना है। महापौर ने कहा है कि अब शहर के सड़कों को खोदा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सीवरेज के अधूरे कार्य का उद्घाटन करने की योजना है क्या।
लेकिन अब सड़क को सीवरेज के कार्य के कारण खोदा जाएगा तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। श्री जायसवाल ने बताया कि सीवरेज का कार्य सन् 2006 में शुरू हुआ तो दो सौ 29 करोड़ रूपये खर्च करना था, लेकिन सीवरेज कार्य नौ साल चलने के कारण चार सौ 78 करोड़ रूपये शासन का खर्च हो गया है। हर साल सीवरेज के कार्य के कारण शासन का खर्च बढ़ता जा रहा है। सीवरेज फेल हो गया है।
सीवरेज का पानी घरों में
पाइप लाइन घरों से जोड़ने के बाद में आम जनता काफी परेशान हो गई। क्योंकि सीवरेज का पानी घरों घुसने की शिकायत आ रही है। सड़कों का गहरीकरण कार्य घटिया स्तर का है। डामर की परत भी कम है। जिसके कारण कुछ माह के बाद में सड़क का उखड़ना शुरू हो जाता है। जिसके कारण निगम के अधिकारी और इंजीनियर सड़क का दुबारा निर्माण कर कमीशन खोरी कर रहे हैं।
अभी तक कई लोगों की जान गई
आम जनता का पैसा भाजपा सरकार पानी की तरह बहा रही है। मगर आम जनता आज भी शहर के सड़क के कारण परेशान होते हैं। श्री जायसवाल ने बताया कि सीवरेज कार्य के कारण दर्जनों लोगों की जान चली गई। जबकि सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं।
धूल से हो रही बीमारियां
शहर की जनता नौ साल से परेशान हो रही है। मगर परेशानी अभी भी बनी हुई है। शहर में धूल के कारण लोगों को सांस व अन्य बीमारियां होनी शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी बनने के बाद आम जनता को कई तरह का टैक्स देना पड़ेगा। जिससे जनता का खर्च तीन गुना बढ़ जाएगा। नगर निगम शहर के लोगों को केवल परेशान करने में लगा हुआ है।
अब तक खर्च राशि
सन् राशि
2007 150 करोड़
2008 050 करोड़
2009 070 करोड़
2010 200 करोड़
2011 080 करोड़
2012 100 करोड़
2013 095 करोड़
2014 120 करोड़
2015 250 करोड़
2016 100 करोड़


