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इमरान मसूद ने राहुल के अमेरिका में दिए बयान का किया समर्थन, बोले- ईसीआई को लेकर जो कहा वो सच

कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने सांसद राहुल गांधी के ब्राउन विश्वविद्यालय में भारत निर्वाचन आयोग के खिलाफ दिए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद ने जो कहा वो सच है

इमरान मसूद ने राहुल के अमेरिका में दिए बयान का किया समर्थन, बोले- ईसीआई को लेकर जो कहा वो सच
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने सांसद राहुल गांधी के ब्राउन विश्वविद्यालय में भारत निर्वाचन आयोग के खिलाफ दिए बयान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद ने जो कहा वो सच है।

राहुल ने अमेरिका के बॉस्टन स्थित ब्राउन विश्वविद्यालय में भारत निर्वाचन आयोग की कार्यशैली को लेकर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी का भी उल्लेख किया। अब देश में इसी मुद्दे को लेकर बहस छिड़ गई है।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में मसूद ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया। राहुल ने विदेश में छात्रों से कहा था कि चुनाव आयोग पक्षपातपूर्ण है और महाराष्ट्र चुनाव में गड़बड़ी हुई।

मसूद ने कहा, "राहुल जी ने सच बोला। अगर ईवीएम पर सवाल उठ रहे हैं और रिकॉर्ड नष्ट किए जा रहे हैं, तो ईवीएम हटाने चाहिए। अगर लोगों को आशंका है तो वो दूर होनी चाहिए। चुनाव प्रक्रिया पर कोई शक नहीं रहना चाहिए।"

बीजेपी के इस दावे पर कि राहुल गांधी को इतिहास की जानकारी नहीं, मसूद ने कहा, "बीजेपी अपने हिसाब से इतिहास लिखती है। हमें उनकी कहानियां पढ़ने की जरूरत नहीं।"

नेशनल हेराल्ड मामले पर मसूद ने कहा कि यह अखबार स्वतंत्रता संग्राम की धरोहर है, जिसने देश की आवाज बुलंद की। उन्होंने इसे सहेजने की बात कही और बीजेपी पर स्वतंत्रता आंदोलन से कोई नाता न होने का आरोप लगाया।

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट को लेकर उठाए सवालों पर भी मसूद बोले। उन्होंने कहा, " बयान को निजी बताया गया, लेकिन जब कोई नेता बयान देता है तो पार्टी उससे कैसे पल्ला झाड़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट सर्वोच्च संस्था है उसका सम्मान हर हाल में बरकरार रहना चाहिए।"

बता दें कि निशिकांत दुबे ने कहा था कि अगर हर बात के लिए सुप्रीम कोर्ट ही जाना पड़े, तो ऐसी स्थिति में संसद को बंद कर देना चाहिए।

वहीं, इमरान मसूद ने इजरायल पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि वहां एक लाख लोग मारे गए, मासूम बच्चों और अस्पतालों पर बम गिराए गए। उन्होंने सवाल किया, "क्या यह आतंकवाद नहीं? मासूमों की जान की कोई कीमत नहीं? शरणार्थी शिविरों पर बमबारी को कैसे सही ठहराया जा सकता है?" मसूद ने समाज में सांप्रदायिकता का जहर फैलाने को खतरनाक बताया और हिंसा रोकने की अपील की।


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