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गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की इमरान सरकार की कवायद अवैध : मानवाधिकार कार्यकर्ता

एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव के जरिए अपने कब्जे को और मजबूत करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों को अवैध करार दिया है

गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने की इमरान सरकार की कवायद अवैध : मानवाधिकार कार्यकर्ता
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नई दिल्ली। एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव के जरिए अपने कब्जे को और मजबूत करने के पाकिस्तान सरकार के प्रयासों को अवैध करार दिया है। उन्होंने गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों से पाकिस्तान प्रायोजित इस चुनाव का बहिष्कार करने की अपील की है।

पूर्व के जम्मू एवं कश्मीर प्रांत का हिस्सा गिलगित-बाल्टिस्तान 1947 से पाकिस्तान के कब्जे में है।

पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओके) के मीरपुर खास से संबंध रखने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट अपने वीडियो संदेश में कहा है, "पाकिस्तान इस समय गिलगित-बाल्टिस्तान में किसी भी कीमत पर चुनाव कराने की साजिशें रच रहा है।"

अभी युनाइटेड किंग्डम में रह रहे मिर्जा ने कहा कि चुनाव का उद्देश्य (पाकिस्तान द्वारा) अपनी पसंद की सरकार को सत्ता में लाना और गिलगित-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान में शामिल कर लेना है।

उन्होंने कहा, "मौजूदा स्थितियों में गिलगित में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। इसकी वजह औपनिवेशिक काल का शेड्यूल फोर और आतंकवाद रोधी कानून है जिनका इस्तेमाल राजनैतिक विचारों को व्यक्त करने वालों को गिरफ्तार कर नागरिक असंतोष को कुचलने के लिए किया जाता है।"

मिर्जा ने कहा, "जब तक पाकिस्तान हमारे राजनैतिक कैदियों को रिहा नहीं कर देता और जब तक चुनाव गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा के नियमों के तहत नहीं कराए जाते तब तक गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों को चुनावों का बहिष्कार करना चाहिए।"

गौैरतलब है कि बीते हफ्ते ही पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में 2009 में एम्पावरमेंट एंड सेल्फ-गवर्नेस आर्डर के द्वारा गिलगित-बाल्टिस्तान को दिए गए प्रांत जैसे दर्जे को संघीय सरकार द्वारा रद्द करने की निंदा की थी। आयोग ने कहा था कि संघीय सरकार ने क्षेत्र को जो नाममात्र के अधिकार मिले थे, उन्हें भी 2018 में वापस ले लिया।

बीते हफ्ते अपनी अवस्थिति को दोहराते हुए भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान से जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के उन हिस्सों को खाली करने को कहा जो उसके अवैध कब्जे में हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गिलगित-बास्टिस्तान पर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लेकर पाकिस्तान से सख्त विरोध दर्ज कराया था।

इमरान सरकार द्वारा बीते साल क्षेत्र पर अपनी संवैधानिक पकड़ को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए कई कदमों के बाद पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में अपने आदेश में कहा था कि गिलगित-बाल्टिस्तान उसके अधिकार क्षेत्र में आता है।


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