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भारत को बातचीत के लिए इमरान ने फिर किया आमंत्रित

 पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को भारत को फिर से वार्ता के लिए आमंत्रित किया और आग्रह किया कि दोनों पड़ोसियों को बढ़ते तनाव के बीच बेहतर समझ बनाए रखनी चाहिए

भारत को बातचीत के लिए इमरान ने फिर किया आमंत्रित
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को भारत को फिर से वार्ता के लिए आमंत्रित किया और आग्रह किया कि दोनों पड़ोसियों को बढ़ते तनाव के बीच बेहतर समझ बनाए रखनी चाहिए। दोनों देशों की वायुसेना के बीच हवाई भिड़ंत के बाद परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। भारतीय वायुसेना और पाकिस्तानी वायुसेना के बीच हवाई भिड़ंत के बाद खान की यह टिप्पणी आई है। इस भिड़ंत में नई दिल्ली का कहना है कि उसने एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को मार गिराया, लेकिन उसका भी एक मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसका पायलट कथित रूप से पाकिस्तानी हिरासत में है।

पाकिस्तान ने हालांकि सुबह घोषणा की थी कि उसने अपनी जमीन पर दो भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराया, दो पायलटों को पकड़ा और पड़ोसी देश में बमबारी की, जिसमें कोई मानवीय क्षति नहीं हुई।

पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि उन्होंने केवल एक भारतीय पायलट को पकड़ा है।

पायलट की पहचान विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के रूप में हुई है। जैसे ही पाकिस्तान ने पायलट को पकड़ने का दावा किया, उसके बाद पाकिस्तान की ओर से एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें एक व्यक्ति वर्दी में, उसकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई और वह घायल दिखाई दे रहा था।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को एक टेलीविजन संबोधन में कहा, "हमारी कार्रवाई का एकमात्र मकसद यह संदेश देना था कि अगर आप हमारे देश में घुसते हैं तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। उनके दो मिग मार गिराए गए हैं..यहां से यह जरूरी हो गया है कि हम अपने दिमाग और इच्छाशक्ति का इस्तेमाल करें।"

खान ने कहा, "सभी जंगों का गलत अनुमान लगाया गया था और कोई नहीं जानता कि यह कहां ले जाती है। प्रथम विश्व युद्ध के कुछ सप्ताह में समाप्त होने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन यह छह साल तक चला। इसी तरह आतंकवाद पर जंग 17 सालों तक चलेगी, किसी ने भी नहीं सोचा था।"

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा, "मैं भारत से कहना चाहता हूं कि, जिस तरह के हथियार आपके पास हैं और जिस तरह के हथियार हमारे पास हैं, क्या हम एक-दूसरे के बारे में गलत आंकलन को झेल सकते सकते हैं? अगर यह तनाव बढ़ता है तो यह न तो मेरे काबू में होगा और न ही (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के नियंत्रण में।"

पाकिस्तान प्रधानमंत्री ने पुलवामा में आत्मघाती हमले की जांच कराने की अपनी पेशकश को दोहराया।

उन्होंने कहा, "पुलवामा में जिस दर्द से आप जूझ रहे हैं, हम उसे समझते हैं और हम जांच व संवाद के लिए तैयार हैं। चलिए साथ बैठकर और बातचीत से इसे सुलझाते हैं।"

उन्होंने कहा, "हम दशकों से युद्ध का शिकार रहे हैं। हम जानते हैं कि युद्ध का क्या मतलब होता है। हमने शुरुआत से ही भारत से हमारे साथ कार्रवाई योग्य साक्ष्य साझा करने को कहा है। यह पाकिस्तान के हित में कहीं नहीं है कि इसका इस्तेमाल उग्रवाद के लिए किया जाए।"

खान ने कहा, "मुझे डर था कि भारत कार्रवाई करेगा और इसलिए मैंने भारत को आक्रामकता के खिलाफ चेतावनी दी थी। जब भारत ने कल (मंगलवार) सुबह (बालाकोट में जेईएम के प्रशिक्षण शिविर पर) कार्रवाई की, तब हमने हमारे सेना कमांड से बात की और नुकसान के आंकलन तक कार्रवाई का इंतजार किया। यह हमारी योजना थी कि किसी भी प्रकार की क्षति न हो और न ही कोई हताहत हो।"

उन्होंने कहा, "दो भारतीय मिग ने पाकिस्तानी सीमाओं को पार किया और हमने उन्हें मार गिराया। मैं यह भी बताना चाहता हूं कि पायलट हमारे पास है।"

खान ने कहा, "मैं अब भारत को संबोधित करना चाहता हूं और कहना चाहता हूं कि अक्लमंदी बरती जानी चाहिए। समझदारी से काम लें।"

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान के संबोधन को भारत के लिए बहुत ही उपयुक्त, सटीक और करुणामय संदेश करार दिया। उन्होंने ट्वीट किया, "पाकिस्तान शांति चाहता है। अगर कोई कार्रवाई योग्य जानकारी प्रदान की जाती है, वह जांच में मदद करने के लिए तैयार हैं। युद्ध का अपना असहनीय गतिविज्ञान होता है, इसलिए अक्लमंदी बरती जानी चाहिए।"

पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता अहसान इकबाल ने कहा, "सभी पाकिस्तानी एकजुट हैं। हमने सरकार के साथ एकजुटता व्यक्त की है और वे जो भी कार्रवाई करना चाहते हैं, हम उनके साथ हैं।"

उन्होंने कहा, "पाकिस्तान और भारतीय राजनीति के बीच बड़ा गुणात्मक अंतर यह है कि भले ही भारत हमसे सात-आठ गुना बड़ा है, लेकिन उनकी राजनीति पाकिस्तान को कोसने के इर्द-गिर्द घूमती है और उन्हें इसी तरह से वोट मिलते हैं।"

पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा, इंटर-सर्विसिस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "पाकिस्तान शांति चाहता है और भारत को यह समझने की जरूरत है कि युद्ध नीति की विफलता है।"

उन्होंने कहा, "देश, सरकार, सशस्त्र बल और पाकिस्तान के लोगों ने हमेशा भारत को शांति का संदेश दिया है। शांति की राह संवाद से होकर गुजरती है.. युद्ध नीति की विफलता है, जिसे भारत को समझने की जरूरत है।"


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