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मप्र में भड़की हिंसा के बाद हालातों में सुधार, कर्फ्यू में ढील

 एससी और एसटी कानून को नरम करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भड़की हिंसा के बाद अब हालात सुधरने लगे हैं।

मप्र में भड़की हिंसा के बाद हालातों में सुधार, कर्फ्यू में ढील
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भोपाल। एससी और एसटी कानून को नरम करने वाले सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सोमवार को आहूत भारत बंद के दौरान मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भड़की हिंसा के बाद अब हालात सुधरने लगे हैं। यही कारण है कि बुधवार को कर्फ्यू में ढील दी गई।

ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक डॉ. आशीष ने आईएएनएस को बताया, "ग्वालियर शहर में तीन और डबरा कस्बे में लगे कर्फ्यू में दो घंटे की ढील दी गई। इस दौरान लोगों ने अपनी जरूरत के सामान की खरीदारी की। ग्वालियर में हुई हिंसा में कुल तीन लोग मारे गए हैं। पुलिस ने 500 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर 20 को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में लिया गया है।"

चंबल परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) संतोष कुमार सिंह ने बताया है कि भिंड व मुरैना के कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों में एक घंटे के लिए 10 से 11 बजे तक की ढील दी गई। स्थितियां नियंत्रण में है। 75 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कुल 35 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। हालात धीरे-धीरे सामान्य हो चले हैं।

ज्ञात हो कि, भारत बंद के दौरान राज्य के ग्वालियर-चंबल इलाके में ही सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। उसके चलते कर्फ्यू लगाने के हालात बने। इस हिंसा में आठ लोगों की मौत हुई है। इनमें से तीन ग्वालियर, चार भिंड और एक मुरैना से हैं।

सुारक्षा के मद्देनजर कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए अतिरिक्त बल को प्रभावित जिलों में तैनात किया गया है। विशेष सशस्त्र बल की 16 कंपनियां, आरएएफ की चार कंपनियां, एसटीएफ की दो कंपनियों के अतिरिक्त नव प्रशिक्षित 550 उप निरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) व नवप्रशिक्षित 3000 आरक्षक तैनात किए गए हैं।


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