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योजनाएं तय समय पर धरातल पर उतारें, लापरवाही बर्दाश्त नहीं', उच्च स्तरीय बैठक में सीएम हेमंत की हिदायत

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्त वर्ष 2025-26 की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर गुरुवार को राज्य के विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की

योजनाएं तय समय पर धरातल पर उतारें, लापरवाही बर्दाश्त नहीं, उच्च स्तरीय बैठक में सीएम हेमंत की हिदायत
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रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्त वर्ष 2025-26 की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर गुरुवार को राज्य के विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिया कि वित्त वर्ष में कम से कम तीन ऐसी फ्लैगशिप योजनाओं को धरातल पर उतारें, जिन्हें एक से डेढ़ साल के अंदर राज्य की जनता को समर्पित किया जा सके।

सीएम ने विभागों के प्रधान सचिव और सचिव को यह सुनिश्चित करने को कहा कि योजनाएं तय समय सीमा में प्रभावी तरीके से उतरनी चाहिए। प्रत्येक योजना के लिए जो मानदंड निर्धारित हैं, उनका शत-प्रतिशत पालन होना चाहिए। इसमें किसी भी स्तर पर किसी प्रकार की कोताही या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले पेयजल, मॉनसून से पहले जल प्रबंधन तथा जाड़े से पहले कंबल वितरण की व्यवस्था दुरुस्त कर ली जानी चाहिए। नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने के पहले ही विद्यार्थियों के बीच पठन-पाठन सामग्री और साइकिल का वितरण सुनिश्चित होना चाहिए।

राज्य भर से आय, जाति, आवासीय, जन्म और मृत्यु जैसे प्रमाणपत्र निर्गत कराने में आ रही परेशानियों और जनशिकायतों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरतमंदों को दफ्तरों का चक्कर न लगाना पड़े। लोगों को कई बार समय पर ऐसे प्रमाणपत्र नहीं मिलने से काफी नुकसान उठाना पड़ता है। इस तरह के प्रमाणपत्र बनाने में जिस भी स्तर पर गड़बड़ी या लापरवाही की शिकायत मिले, उनके खिलाफ विभाग के उच्चाधिकारी तत्काल सख्त कदम उठाएं।

इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी और मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार समेत सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव एवं कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।


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