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कैलीग्राफी में कैरियर की अपार संभावनाएं, इस कला को भी बना सकते हैं अपना प्रोफेशन
कैलीग्राफी कला को जीवंत बनाने और ग्वालियर में युवाओं को इससे अवगत कराने के लिए आज बैजाताल पर वर्कशॉप रखी गई । जिसमें ग्वालियर की प्रॉफेशनल कैलिग्राफर एवं शिक्षाविद गरिमा गेरा द्वारा निम्न बिन्दुओं पर मार्गदर्शन दिया गया

गजेन्द्र इंगले
ग्वालियर: कैलिग्राफी विषय पर पथ के नवाचार पथशाला का पहला आयोजन बैजाताल ग्वालियर में युवाओं के लिए रविवार को किया गया। समय के साथ साथ कुछ कलाएं विकसित तो कुछ विलुप्त हो गई हैं उन्हीं में से एक है अक्षरों की कला : कैलीग्राफी। इसी कला को जीवंत बनाने और ग्वालियर में युवाओं को इससे अवगत कराने के लिए आज बैजाताल पर वर्कशॉप रखी गई । जिसमें ग्वालियर की प्रॉफेशनल कैलिग्राफर एवं शिक्षाविद गरिमा गेरा द्वारा निम्न बिन्दुओं पर मार्गदर्शन दिया गया।
● कैलीग्राफी और उसका इतिहास
● भारत मे कैलीग्राफी की शुरुआत
●कैलीग्राफी किन लिपियों में लिखी जा सकती है ।
● कैलीग्राफी की तकनीक
● कैलीग्राफी के उपकरण
● कैलीग्राफी ओर उसके क्षेत्र
● कैलीग्राफी को लेकर भविष्य की योजना
साथ ही रोजगार में अवसर, अंतराष्ट्रीय स्तर पर इसकी मांग एवं इसमें भविष्य आदि की जानकारी दी गई। पथशाला में मौजूद छात्रों को कैलीग्राफी द्वारा लिखना सिखाया गया। मेंटर के रूप में उपस्थित कैलिग्राफर गरिमा जी का आभार पथ के संस्थापक विकास जैन ने स्मृति चिन्ह देकर किया साथ ही सभी छात्रों को सहभागिता सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए।
इस आयोजन में अनुराग सिंह, हृदयांश त्रिपाठी, प्रणय जैन, स्नेहांश आदि विशेष तौर पर मौजूद रहें। पथ के संचालक विकास जैन ने बताया कि युवाओं को शिक्षा एवं रोजगार के विभिन्न आयामों की बारीकियां, जानकारी एवं जागरूकता हेतु पथशाला आगे भी विभिन्न क्षेत्रों के एक्सपर्ट के साथ रोजगार परामर्श व कार्यशाला का आयोजन निरंतर करती रहेगी।
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