आईएमए स्वास्थ्य शिक्षा, एनीमिया मुक्त भारत पर देगा ध्यान
डॉ. रवि वानखेड़कर वर्ष 2018 के लिए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए हैं और उनके चयन के बाद उन्होने शपथ ग्रहण कर ली

नई दिल्ली। डॉ. रवि वानखेड़कर वर्ष 2018 के लिए आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुने गए हैं और उनके चयन के बाद उन्होने शपथ ग्रहण कर ली। केंद्रीय परिषद की वार्षिक बैठक में उन्होंने इसके तुरंत बाद ही आईएमए मिशन पिंक हैल्थ लांच किया। इस बैठक में हाल ही में अनुमोदित एनएमसी विधेयक और प्रोफेशनल ऑटोनोमी की आवश्यकता के साथ-साथ चिकित्सा व्यवसाय को प्रभावित करने वाले विभिन्न मुद्दों का समाधान खोजने पर विचार किया गया।
डॉ. रवि वानखेड़कर को आईएमए का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष स्थापित करते हुए, वर्ल्ड मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. केतन देसाई ने कहा, 'चिकित्सा पेशे को इस समय सबसे कठिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और सभी के लिए आत्मचिंतन का समय आ गया है। द्वित्तीय आईएमए फाउंडर्स डे ओरेशन में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि डॉक्टर अलग ही होते हैं और उनकी अन्य व्यवसायों से तुलना नहीं की जा सकती। उन्हें पारदर्शी और ईमानदार होना चाहिए।
पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल ने कहा कि प्रत्येक डॉक्टर को हर साल अपना फाइनेंशियल रिटर्न दाखिल करने की जरूरत है और इसमें अष्टलक्ष्मी की पौराणिक कथा में वर्णित सभी प्रकार के धन शामिल होने चाहिए। इसमें आदि लक्ष्मी यानी नेट रिटर्न, धन लक्ष्मी, मौद्रिक लाभ, धान्य लक्ष्मी, कृषि स्वास्थ्य, धैर्य लक्ष्मी, साहस, सांतना लक्ष्मी, नई परियोजनाएं, विजय लक्ष्मी, उपलब्धियां, गज लक्ष्मी, मानव संसाधन की ताकत, और विद्या लक्ष्मी, ज्ञान की वृद्धि। धन लाभ आठ मानकों में से एक है।
उन्होंने प्रस्तावित नेशनल मेडिकल कमीशन बिल पर चिंता जताई, क्योंकि इससे चिकित्सा पेशे की स्वायत्तता के लिए खतरा पैदा होगी।
आईएमए के 89वें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करने वाले, डॉ. रवि वानखेड़कर ने कहा, 'मेरा फोकस समुदाय और सार्वजनिक स्वास्थ्य शिक्षा पर रहेेगा। मिशन पिंक हैल्थ पर पूरा जोर दिया जाएगा, जिसमें मौजूदा अभियान, जैसे आओ स्कूल चलें, आओ गांव चलें, एनीमिया-मुक्त भारत, कन्या का स्वागत करें और किशोरों का स्वास्थ्य आदि शामिल रहेंगे।


