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जिले में रेत के अवैध परिवहन पर लगाम नही, ठेकेदार की मनमानी चरम पर

प्रदेश में राजस्व की वृद्धि होने के मनसे से राज्य सरकार ने रेत की नीलामी कराई परन्तु ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य सरकार को ही चुना लगाया जा रहा है

जिले में रेत के अवैध परिवहन पर लगाम नही, ठेकेदार की मनमानी चरम पर
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सुकमा। प्रदेश में राजस्व की वृद्धि होने के मनसे से राज्य सरकार ने रेत की नीलामी कराई परन्तु ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से राज्य सरकार को ही चुना लगाया जा रहा है। बीते दिनों कोन्टा क्षेत्र में रेत के अवैध भंडारण एवं परिवहन के मामला सामने आने के बाद अब जिला मुख्यालय में भी रेत का अवैध परिवहन किया जा रहा जिसकी सूद लेने वाला कोई नहीं है। जिससे अवैध परिवहन करने वालों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं।

मामला जिला मुख्यालय स्थित सुपनार रेत खदान में देखने को मिला है। जहां ठेकेदार राकेश साहू द्वारा नियमों को ताक पर रखकर रेत का परिवहन किया जा रहा है। इस खदान से प्रतिदिन 100 से 150 गाड़ी रेत उड़ीसा भेजा जा रहा है परन्तु ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन 15 से 20 ही फिटपास पास जारी किया जाता है। एक ही फिटपास पर चार से पाँच बार रेत का परिवहन किया जा रहा है। ऐसा नहीं कि इसकी जनकारी खनिज विभाग के जिम्मेदारों नहीं है बल्कि अधिकारियों के संरक्षण में ही गोरखधन्धे को अंजाम दिया जा रहा है।

एक अभिवहन पास से दिन भर होती है रेत की बिक्री

ठेकेदार द्वारा रोजाना एक ही अभिवहन पास से खरीददारों को रेत बेचा जा रहा है। वाहन चालकों ने बताया कि एक अभिवहन पास से वे दिन भर में 4 से 5 बार रेत उड़ीसा लेकर जाते है और हर बार ठेकेदार को 600 रुपये चुका कर आते है। परन्तु पास एक ही बार मिलता है। सोमवार को ओडिसा की ट्रैक्टर में रेत परिवहन के लिए ठेकेदार राकेश साहू द्वारा टीपी क्रमांक 0852847 सुबह 7 बजे जारी किया गया। लेकिन ट्रैक्टर चालक द्वारा उसी टीपी पर शाम 6 बजे तक रेत परिवहन करता रहा।

रोजाना ठेकेदार लगा रहा प्रशासन को चूना

ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन 100 से 150 गाड़ी रेत का विक्रय किया जाता है परन्तु अभिवहन पास 15 से 20 का ही काटा जाता है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रति ट्रैक्टर 3 घन मीटर रेत के 600 रुपये की दर से किस प्रकार ठेकेदार अपनी जेब भर रहा है। रोजाना ठेकेदार द्वारा हजारों रुपये राजस्व के रूप प्रशासन को क्षति पहुंचाई जा रही है।

नाके में की जाती है वसूली

बिना किसी अभिवहन पास के रेत का अन्य राज्यों में बेचा जाना संदेहास्पद हैं। चूँकि सुकमा-मलकानगिरी मार्ग पर झापरा के पास वनोपज जांच नाका है। यहां तैनात वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा वसूली कर वाहनों को पार कराया जाता है। वाहन चालकों ने बताया कि अभिवहन पास के उड़ीसा रेत ले जाने पर चेक पोस्ट में 50 रुपये देने पड़ते हैं और अगर अभिवहन पास नही हो तो 100 रुपये चेक पोस्ट वालों को देने पड़ते है।

खनिज अधिकारियों की अनुपस्थिति से बढ़ रहा है हौसला

जिला खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह और माइनिंग इंस्पेक्टर अश्विनी झाड़ी दोनो ही दंतेवाड़ा जिले में पदस्थ हैं। इन पर सुकमा और बीजापुर का भी अतिरिक्त प्रभार है। ऐसे में इनका सभी क्षेत्रों में निगरानी रखना सम्भव नही हो पाता है। जिससे रेत माफियों पर लगाम नही लग पा रहा। जिला खनिज अधिकारी योगेंद्र सिंह ने कहा कि उक्त जानकारी आपके माध्यम से मिली है। कल ही माइनिंग इंस्पेक्टर को भेज मामले की जांच कर कार्रवाई करवाता हूँ।


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