बीजापुर से जगदलपुर भेजी जा रही अवैध सागौन बरामद
वन मंडल दंतेवाड़ा के कर्मचारियों ने अवैध रूप से परिवहन की जा रही सागौन से बनी फर्नीचर और चौखट फरसपाल के पास जप्त की

दंतेवाड़ा। वन मंडल दंतेवाड़ा के कर्मचारियों ने अवैध रूप से परिवहन की जा रही सागौन से बनी फर्नीचर और चौखट फरसपाल के पास जप्त की। ये पूरी लकड़ी बीजापुर वन विभाग के डिप्टी रेंजर की बतायी जा रही है। वन परिक्षेत्र कार्यालय में जप्त लकडिय़ों की जांच हो रही है।
आज शाम करीब 5 बजे बचेली परिक्षेत्र अधिकारी अशोक सोनवानी और दंतेवाड़ा परिक्षेत्र के वन कर्मी वीरेन्द्र फरसपाल से लौट रहे थे, इसी दौरान उन्हें एक पिकअप वाहन (क्रमांक सीजी 18 एच 1834) में अवैध सागौन परिवहन की आशंका हुई। जब पिकअप को रूकवायी गयी तो उसमें से डायनिंग टेबल, दीवान, चौखट और ड्रेसिंग टेबल बरामद हुई। ये सभी हाथ आरे की चिरान वाली लकड़ी से बनायी गयी है।
पिकअप को परिक्षेत्र कार्यालय लाया गया, फिर जप्त कर लकड़ी की मात्रा निकाली गयी। जानकारी मिली है कि जप्त लकड़ी की मात्रा लगभग 0.720 घनमीटर है और इसकी कीमत 1 लाख तथा फर्नीचर के हिसाब से इसकी कीमत लगभग 3 लाख रूपए हो सकती है। पिकअप चालक ने लकड़ी परिवहन संबंधी टीपी दिखायी, लेकिन बरामद लकड़ी और रसीद में अंकित लकड़ी की मात्रा से वह मेल नहीं खा रही है। यह लकड़ी बीजापुर से जगदलपुर ले जायी जा रही थी। नेलसनार के रास्ते फरसपाल होते हुए यह लकड़ी से लदी पिकअप दंतेवाड़ा होकर जगदलपुर जा रही थी।
बताया गया है कि यह लकड़ी बीजापुर के ही वन विभाग के एक कर्मचारी की है। हालांकि दंतेवाड़ा के वन कर्मियों ने इस बारे में खुल कर कुछ भी नहीं कहा। परिक्षेत्र कार्यालय के मुताबिक लकड़ी संबंधी रसीद में कमल कश्यप का जिक्र है। उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा क्षेत्र में अवैध परिवहन की काफी शिकायतें मिलती रही हैं। अवैध कटाई पर भी विराम नहीं लग रहा है। परिक्षेत्र में स्थायी अधिकारी नहीं होने के कारण भी कामकाज पर असर पड़ा है। इधर इस जप्ती के संबंध में डीएफओ संदीप बलगा ने बताया है कि जप्त लकड़ी की जांच हो रही है। जांच के बाद ही वे बता पायेंगे कि लकड़ी किसकी है।


