डायवर्सन के नाम पर अवैध वसूली,नही हो रही कार्रवाई
भूमि के डायवर्सन को लेकर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है....

सारंगढ़ । भूमि के डायवर्सन को लेकर लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लगभग सभी विभागों में अनापत्ति प्रमाण पत्र देने के नाम पर आवेदकों से भारी भरकम रकम वसूली की चर्चाएं सरेआम रहती हैं जिसके कारण लोगों में आक्रोश व्याप्त है। सरकार को चाहिए कि वह इन डायवर्सन को आन लाइन कर दें।
इससे विभाग में व्याप्त भ्रष्ट्राचार कम होगा तथा लोगों को सुविधा मिलेगी और सभी काम पारदर्शिता मे होने से अवैध डायवर्सन पर रोक लगेगी वर्तमान में जिस तरह से प्रशासन द्वारा डायवर्सन के नियम बनाए गये हैं वे पूरी तरह भ्रष्ट्राचार का जरिया बनकर रह गये हैं सभी विभाग एक एक अनापत्ति के लिए आदमी देखकर एक हजार से 20 हजार रूपयों तक की खुली मांग करने लगे हैं। जब तक यह भेंट नहीं चढ़ाई जायेगी तब तक आपको अनापत्ति प्रमाण पत्र नही मिलेगी। मजबूरन लोगों को इस अनैतिक मांगों को पूरा करना पड़ता है। यदि आप मांगे पूरी करते हैं तो रातों रात आपको डायवर्सन आदेश प्राप्त हो जायेगा और मांग पूरी नहीं करेंगे तो चाहे आप कितने भी सही हो आपका काम नहीं होगा।
डायवर्सन के इस गोरख धंधे की जानकारी कई अधिकारियों को है लेकिन इसके बाद भी वे कोई कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते। यदि आप विभागीय चढ़ावा दे रहे हैं तो आपको इतना ही नहीं घर बैठे भी इस विभाग द्वारा भवन निर्माण या व्यवसायिकए कालोनी निर्माण के लिए नक्शा भी स्वीकृत कर दिया जाता है इस काम मे नजूल विभाग रायगढ़ जिला के सभी शाखाये भ्रष्ट्राचार की चरम सीमा लांघ चुकी है बिना आर्डर शीट के ही आपको अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त हो जायेगा।
इसके लिए एक मोटी रकम आपको भेंट चढ़ानी पड़ेगी डायवर्सन के इस जाल मे सारंगढ़ सहित संपूर्ण रायगढ़ जिले में अधिकारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्ट्राचार की शिकायत उच्च अधिकारियों तथा मुख्यमंत्री डॉण् रमन सिंह से भी की गई है लेकिन सिर्फ जांच के आदेश तक ही सीमित रहने के कारण भ्रष्ट अधिकारियों के हौसले बुलंद है।
री


