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प्राधिकरण की दो हजार करोड़ की भूमि पर अवैध कब्जा

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जमीन न होने के कारण किसानों को छह फीसदी आबादी के भूखंड पर कब्जा नहीं दे पा रहा है

प्राधिकरण की दो हजार करोड़ की भूमि पर अवैध कब्जा
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ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण जमीन न होने के कारण किसानों को छह फीसदी आबादी के भूखंड पर कब्जा नहीं दे पा रहा है। वहीं प्राधिकरण के करीब दो हजार करोड़ रूपए की जमीन पर भूमाफियाओं व कालोनाइजरों पर कब्जा कर रखा है। प्राधिकरण अपने जमीन को खाली नहीं करा पा रहा है। अवैध निर्माण हटाने के बजाय संबंधित अधिकारी आंख मूंद कर बैठ हुए है।

शुक्रवार को जब ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवाशीश पांडा को प्राधिकरण की जमीन पर अवैध कब्जे की जानकारी मिली तो सख्ती दिखाना शुरू किया। प्राधिकरण की जमीन को कब्जा मुक्त करने के लिए सीईओ ने प्रोजेक्ट विभाग के महाप्रबंधक केके सिंह, राजीव त्यागी साथ ही भूलेख विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा।

मंगलवार को इन अधिकारियों के साथ बैठक कर सीईओ ने अवैध कब्जे को लेकर सख्ती से कार्रवाई करने की योजना तैयार करेंगे।
पिछले पांच साल के दौरान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पांच सौ एकड़ से ज्यादा जमीन पर अवैध कब्जा हो चुका हे। हैरत की बात यह है कि प्राधिकरण अधिकारियों को भी यह जानकारी नहीं है कि लोगों ने प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा कर रखा है।

रोजा जलालपुर गांव में प्राधिकरण ने किसानों से सीधे बैनामा पर जमीन खरीदी थी। जमीन खरीदने के बाद प्राधिकरण ने कब्जा नहीं लिया। प्राधिकरण ने जमीन का दाखिला खारिज भी नहीं कराया। प्राधिकरण की जमीन पर कालोनाइजरों ने कब्जा कर अवैध कॉलोनियां काट दी। प्राधिकरण की जमीन पर आज भी अवैध कॉलोनियां खड़ी है। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कृषि आधारित योजना निकाली थी। हिंडन नदी के किनारे प्राधिकरण ने यह योजना निकाली थी।

योजना निकालने से पहले प्राधिकरण की जमीन पर कब्जा हो रखा था। जिन लोगों को योजना के तहत भूखंड आबंटित किया गया उन्हें आज तक कब्जा नहीं मिल पाया। ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ही गौर सिटी गोल चक्कर के आम्रपाली के प्रोजेक्ट तक प्राधिकरण की जमीन पर लगातार अवैध कब्जा हो रहा है। प्राधिकरण आज तक इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर पाया। इस तरह प्राधिकरण की करीब दो हजार करोड़ रूपए की जमीन पर कब्जा हो चुका है। प्राधिकरण अपनी जमीन को खाली कराने को लेकर सख्त कदम नहीं उठा पा रहा है।

जबकि जिलाधिकारी ने प्राधिकरण को पत्र भेजकर अवैध कब्जा होने वाले जमीनों की सूची मांगी थी प्राधिकरण वह सूची आज तक उपलब्ध नहीं करा पाया। उन्होंने प्रोजेक्ट व भूलेख विभाग के आधिकारियों को तलब किया और उनसे अवैध कब्जे वाली जमीन की पूरी सूची उपलब्ध कराने को कहा है। अवैध कब्जे को लेकर सीईओ मंगलवार को बैठक कर इसके खिलाफ कार्रवाई करने की कार्ययोजना तैयार करेंगे।


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