Top
Begin typing your search above and press return to search.

सागौन पेड़ों की बेखौफ अवैध कटाई

 गौरेला रेंज में पिपरखूंटी  के रिजर्व फारेस्ट में अवैध रूप से काटे गए सागौन के पेड़

सागौन पेड़ों की बेखौफ अवैध कटाई
X

गौरेला। गौरेला रेंज में पिपरखूंटी के रिजर्व फारेस्ट में अवैध रूप से काटे गए सागौन के पेड़। मरवाही वन मंडल में अवैध सागौन की कटाई का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वन विभाग के आला अफसर जांच कराने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं और मैदानी अमला सागौन माफिया से सांठ-गांठ कर वन संपदा को बर्बाद करने में जुटा हुआ है।

अवैध रूप से सागौन की कटाई का एक मामला गौरेला रेंज के अंतर्गत आने वाले पिपरखूंटी सर्किल में सामने आया है। इस सर्किल में पिछले महीनो से भीतर भारी संख्या में अधिक पेड़ों की कटाई की जा चुकी है। वन विभाग का मैदानी अमला न तो जंगल का निरीक्षण करने की जहमत उठा रहा है और ना ही नाकों पर सागौन का अवैध परिवहन रोक पा रहे हैं।

गौरेला रेंज के अंतर्गत आने वाली पिपरखूंटी बीट के में कई सागौन के हरे पेडों को अवैध रूप से काट दिया गया है। पिपरखूंटी के रिजर्व फारेस्ट में बेखौफ तरीके से हो रही जंगल की कटाई के प्रमाण रतनपुर, बिलासपुर, केंवची रोड के समीप ही दिखाई दे रहे हैं। सड़क के चंद कदम दूरी पर ही सागौन के पेडों के ठूंठ अवैध कटाई करने वालों के हौसलों को उजगार कर रहे हैं।

ज्ञात हो कि गौरेला से केंवची, रतनपुर या बिलासपुर जाने वाली सड़क के चंद कदम दूर ही तक बीट के सिर्फ एक हिस्से में ही कई ठूंठ यहां वहां नजर आ रहे हैं। कुछ पेड़ों को काट तो दिया गया। कुछ टुकड़ों को जो सागौन तस्कर नही ले जाए पाए तो उस लकड़ी ले जाने में माफिया कामयाब नहीं हो पाया जिससे मौके पर ही पड़ी हुई है। जिसको वन विभाग की टीम ने मौके से जप्त किया।

बीट गॉर्ड की भूमिका संदिग्ध

ग्रामवासियों के अनुसार पिपरखूंटी के बीट गॉर्ड महेन्द्र तिवारी के साठ गांठ होने की असंका व्यक्त की। ग्रामीण देव सिंह ने बताया कि इसके पहले भी जब लगभग 30 पेड़ों की कटाई हुई थी तब भी बीटगार्ड छुट्टी पे चले जाते हैं जिनसे उनकी भूमिका संदिग्ध है ।

जांच की जाएगी

पिपरखूंटी बीट में अवैध रूप से कटाई की गई है इसकी जानकारी लगी है, बीट गॉर्ड पर भी संदेह है जिसकी जांच कराई जाएगी। जांच में सही पाए जाने पर करवाही की जाएगी।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it