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शासकीय भूमि पर बनी गौशाला के साथ अवैध निर्माण ढहाया

मां कोसगई सेवा संस्थान के द्वारा शासकीय जमीन पर किये गये गौशाला निर्माण व इसके आस-पास के निर्माण कार्यों को पुलिस की मौजूदगी में प्रशासनिक अमले के द्वारा तोड़ने की कार्यवाही की गई।

शासकीय भूमि पर बनी गौशाला के साथ अवैध निर्माण ढहाया
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कोरबा।मां कोसगई सेवा संस्थान के द्वारा शासकीय जमीन पर किये गये गौशाला निर्माण व इसके आस-पास के निर्माण कार्यों को पुलिस की मौजूदगी में प्रशासनिक अमले के द्वारा तोड़ने की कार्यवाही की गई। इस कार्यवाही के दौरान बड़ी संख्या में ग्रामवासी मौजूद रहकर विरोध दर्ज करा रहे थे, जिन्हें शांत कराकर कार्यवाही को अंजाम दिया गया।

जानकारी के अनुसार मां कोसगाई सेवा संस्थान के अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती रोहणी रजक केे पति शंकर लाल रजक के द्वारा कटघोरा क्षेत्र के ग्राम हुंकरा में स्थित शासकीय भूमि खसरा नं 343 में से 20 डिसमिल भूमि पर गौशाला, 6 डिसमिल भूमि पर शटर युक्त डबल स्टोरी पक्का दुकान तथा 5 डिसमिल भूमि पर कार्यालय बनाकर कब्जा किया गया था।

उच्च न्यायालय में शंकर रजक द्वारा प्रस्तुत इससे संबंधित मामले में 9 मार्च को स्थगन आदेश खारिज किये जाने पश्चात 19 मार्च को कटघोरा तहसीलदार अमित बेक द्वारा नायब तहसीलदार संध्या नामदेव, नायब तहसीलदार बाबुलाल कुर्रे, टीआई कटघोरा एसएस राजपूत, राजस्व अमला, पटवारी, कोटवार तथा पुलिस बल की उपस्थिति में उक्त अतिक्रमण को हटाया गया।

इससे पहले गौ सेवा धाम में बांधी गई करीब 100 गाय और बछड़ों को बाहर निकाला गया और उनके चारे को भी गौशाला से बाहर रखवाया गया। इसके उपरांत जेसीबी से निर्माण को ढहाने की कार्यवाही की गई। इसी तरह पास में ही बनाये गये मंदिर के मुख्य द्वार एवं निर्मित दुकानों को तोड़ने की कार्यवाही की गई। प्रशासन जहां न्यायालय के आदेश एवं शासकीय भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की कड़ी में यह कार्यवाही करना बता रहा है तो दूसरी ओर शंकर रजक ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्यवाही बताया है।

अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के दौरान तीन अन्य लोग भी इसकी चपेट में आये जिन्होंने शासकीय भूमि पर कब्जा कर रखा था। बताया गया कि कटघोरा में स्थित शासकीय भूमि खसरा नं 1971 /1 में संतोष रजक द्वारा 0.045 हेक्टेयर में मकान, गौरी शंकर दुबे द्वारा 0.032 हेक्टेयर पर मकान, मुराली मनोहर दुबे द्वारा 0.040 हेक्टे पर मकान, दयाराम द्वारा 0 .02 हेक्टेयर पर मकान बनाकर अतिक्रमण किया गया था।


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