सिंचाई विभाग के राजवाहे पर बना डाली अवैध इमारतें
ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण और प्रशासनिक आधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों ने हजारो अवैध बहुमंजिला इमारते बना रखी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण और प्रशासनिक आधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डरों ने हजारो अवैध बहुमंजिला इमारते बना रखी है। अधिकारी ऐसे बिल्डरों पर कागजी खानापूर्ति करने के नाम कर कभी कभार कार्रवाई भी करते रहते हैं। इसके बावजूद भी बिल्डर मनमाने तरीकों से इमारते बना रहे हैं। और यह सब ग्रेनो प्राधिकरण की नाक के नीचे हो रहा है। दरअसल सिंचाई विभाग जो कि किसानों के लिए जल आपूर्ति करता है उसी के राजवाहे पर एक नामी बिल्डर ने बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी हैं। विशेष बात यह है कि जब इमारत का निर्माण हो रहा था तब न तो ग्रेनो प्राधिकरण ने सुध ली और न ही सिंचाई विभाग ने। बता दें की सिंचाई विभाग का राजवाहा रोजा जलालपुर से होता हुआ बिसरख की तरफ जाता है। उसी रजवाहें पर बिल्डरों ने बहुमंजिला ईमारतें खड़ी कर दी हैं।
ग्रेटर नोएडा में सभी इमारतें ग्रेनों प्राधिकरण की देख रेख बनवाई जाती है। लेकिन रजवाहे पर इमारतों का निर्माण प्राधिकरण की कार्यशैली पर एक सवालिया निशान हैं। सवाल यह हैं कि जो भूमि प्राधिकरण की नहीं है। उस पर बिल्डरों ने इमारतों का निर्माण कैसे करा दिया। वही इन इमारतों के निर्माण को बंद कराने के लिये सिंचाई विभाग ने प्राधिकरण के नौ जूनियर इंजीनियरों को नोटिस भी दिया था।
लेकिन बाद में मामला शांत कर दिया गया। इस मामलें में जब सिंचाई विभाग से सवाल किया गया तो वहां के अधिकारियों ने कहा कि मामले में बिल्डरों के खिलॉफ मुकदमा दर्ज करने के लिए बिसरख कोतवाली में तहरीर डाक द्वारा दी गई है।
इसके साथ ही जब हमने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा की मामला संज्ञान में नही हैं।


