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आईएल एंड एफएस ने सुप्रीम कोर्ट में गुड़गांव मेट्रो प्रोजेक्ट का मामला जीता

आईएल एंड एफएस को एक बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एचएसवीपी को तीन महीने के अंदर 2,400 करोड़ रुपये से अधिक के कुल "बकाया ऋण" का 80 प्रतिशत एस्क्रो अकाउंट में जमा करने का निर्देश दिया

आईएल एंड एफएस ने सुप्रीम कोर्ट में गुड़गांव मेट्रो प्रोजेक्ट का मामला जीता
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नई दिल्ली। आईएल एंड एफएस को एक बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) को तीन महीने के अंदर 2,400 करोड़ रुपये से अधिक के कुल "बकाया ऋण" का 80 प्रतिशत एस्क्रो अकाउंट में जमा करने का निर्देश दिया। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) द्वारा जमा की जाने वाली राशि 1,925 करोड़ रुपये तक है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एस्क्रो खाते से किसी भी राशि का विनियोग एनसीएलएटी या किसी अन्य सक्षम कानूनी प्राधिकारी के आगे के आदेशों के अधीन होगा।

दोनों पक्षों - आईएल एंड एफएस एसपीवी और एचएसवीपी - के पास अन्य अधिकारों से संबंधित किसी भी विवाद को संदर्भित करने की स्वतंत्रता है। साथ ही सीएजी (कैग) द्वारा कमीशन किए गए ऑडिट रिपोर्ट से उत्पन्न होने वाले ऋण को मध्यस्थता के लिए निर्धारित करने की भी स्वतंत्रता है।

आईएल एंड एफएस ने दो चरणों वाली गुड़गांव मेट्रो परियोजना हासिल किया है जो कि इसकी सहायक एसपीवी - रैपिड मेट्रो रेल गुड़गांव लिमिटेड (आरएमजीएल) और रैपिड मेट्रो रेल गुड़गांव दक्षिण लिमिटेड (आरएमजीएसएल) के माध्यम से 2009 और 2013 में विकसित की गई थी।


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