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ऊंची इमारतों, हवाईअड्डों, मेट्रो रेल को आग से बचाने के लिए आईआईटी शुरू करेगा शोध

देश में अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए, इंजीनियरिंग संस्थान एक नई अग्नि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने जा रहे हैं।

ऊंची इमारतों, हवाईअड्डों, मेट्रो रेल को आग से बचाने के लिए आईआईटी शुरू करेगा शोध
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नई दिल्ली: देश में अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए, इंजीनियरिंग संस्थान एक नई अग्नि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने जा रहे हैं। ये नई प्रयोगशाला महत्वपूर्ण परीक्षण के माध्यम से ऊंची इमारतों, हवाईअड्डों, मेट्रो रेल और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की अग्नि सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी। इसकी पहल करते हुए आईआईटी गांधीनगर में अग्नि सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई अग्नि परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की जा रही है। इससे देश के महत्वपूर्ण संस्थानों को अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग का लाभ मिल सकेगा। भारत के अग्रणी अग्निशमन उपकरण निमार्ताओं में से एक, अहमदाबाद स्थित शाह भोगीलाल जेठालाल एंड ब्रदर्स में मैनेजिंग पार्टनर मुकेश शाह ने इस उद्देश्य के लिए उदार सहयोग प्रदान किया है। आईआईटी का कहना है कि मुकेश शाह के दादा और शाह भोगीलाल जेठालाल एंड ब्रदर्स के संस्थापक की स्मृति में अपनी नई अग्नि परीक्षण अनुसंधान प्रयोगशाला का नाम 'शाह भोगीलाल जेठालाल पेसिव अग्नि प्रणाली परीक्षण प्रयोगशाला' रखेगा।

आईआईटी अपने सेंटर फॉर सेफ्टी इंजीनियरिंग के द्वारा सुरक्षा के क्षेत्र में उच्च प्रभाव वाले अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अनुसरण करता है। यह सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और मुख्य रूप से अग्नि सुरक्षा पर केंद्रित है। अंडरराइटर्स लेबोरेटरी, यूएसए के सहयोग से आईआईटी में दक्षिण एशिया में पहली फसाड अग्नि परीक्षण सुविधा भी स्थापित की गई थी। नई प्रयोगशाला, इमारतों के तत्वों के महत्वपूर्ण परीक्षण के माध्यम से ऊंची इमारतों, हवाईअड्डों, मेट्रो रेल और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में अग्नि सुरक्षा बढ़ाने में मदद करेगी।

संस्थान अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग पर विशेष जोर देने के साथ सेंटर फॉर सेफ्टी इंजीनियरिंग की विभिन्न गतिविधियों को भी बढ़ाने जा रहा है। इसमें संवर्धन, पाठ्यक्रमों का शिक्षण, प्रख्यात विद्वानों को अतिथि प्रोफेसरों या निवासीय विद्वानों के रूप में आमंत्रित करना और इस क्षेत्र में सेमिनार, सम्मेलन या अन्य विद्वतापूर्ण प्रयासों का आयोजन शामिल होगा।

अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग को आगे बढ़ाने के लिए नए सहयोग पर बोलते हुए, आईआईटी के कार्यवाहक निदेशक, प्रोफेसर अमित प्रशांत ने कहा, "आवासीय और औद्योगिक परियोजनाओं में विभिन्न प्रकार की सामग्रियों के उपयोग मे तेजी से हो रहे बदलाव के साथ, अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग में उन्नत अनुसंधान और शिक्षा की आवश्यकता है। ऐसा इसलिए, ताकि आग के विभिन्न खतरों के परिदृश्यों में भविष्य की चुनौतियों को समझ के उनके लिए तैयार हुआ जा सके। हमें बहुत खुशी है कि अग्निशामक उपकरण निर्माण में नौ दशकों से अधिक के अनुभव के साथ शाह भोगीलाल जेठालाल एंड ब्रदर्स और मुकेश शाह ने भारत में अग्नि सुरक्षा इंजीनियरिंग में अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी गांधीनगर को चुना। उद्योगों से इस तरह के योगदान समाज के लिए सार्वजनिक सुरक्षा को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं।"

वहीं मुकेश शाह ने कहा कि इंडिया में हम हमेशा अग्नि सुरक्षा के उद्देश्य का समर्थन करते आए हैं। उभरती प्रौद्योगिकियों और अंत विषय अनुसंधान में आग के खतरों के विभिन्न परिदृश्यों को कम करने के लिए प्रभावी समाधान प्रदान करने की क्षमता है। चूंकि आईआईटी भी इस क्षेत्र में अपने सेंटर फॉर सेफ्टी इंजीनियरिंग के साथ काफी काम कर रहा है, इसलिए हम महत्वपूर्ण क्षेत्र में इस प्रमुख संस्थान के साथ साझेदारी करके उत्साहित हैं।


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