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आईआईएमसी ने कारगिल विजय दिवस की 18वीं वर्षगांठ मनाई गई​​​​​​​

आईआईएमसी में कारगिल दिवस की 18वीं वर्षगांठ मनाई गई। वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यहां कुछ स्कूलों की ओर से देशभक्ति के गानों की एक प्रतियोगिता आयोजित की गई

आईआईएमसी ने कारगिल विजय दिवस की 18वीं वर्षगांठ मनाई गई​​​​​​​
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नई दिल्ली। भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) में शुक्रवार को कारगिल दिवस की 18वीं वर्षगांठ मनाई गई। वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यहां कुछ स्कूलों की ओर से देशभक्ति के गानों की एक प्रतियोगिता आयोजित की गई।

'बेटल ऑफ बैंड्स- हमारे सैनिकों को एक संगीतमय श्रद्धांजलि' नामक प्रतियोगिता में छह स्कूल की टीमों ने राष्ट्रभक्ति के गीत गाए। इसका आयोजन एसएएम कार्यशाला द्वारा किया गया। एसएएम दिव्या ज्योति जागृति संस्थान (डीजेजेएस) की सांस्कृतिक शाखा है।

आईआईएमसी की अधिकारी विष्णुप्रिया पांडे ने यहां आईएएनएस से कहा, इस गैर-लाभकारी सांस्कृतिक संगठन का लंबे समय से आईआईएमसी के साथ जुड़ाव रहा है और उसने पिछले कुछ वर्षो में संस्थान में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कराया है।

पांडे ने कहा, आईआईएमसी के महानिदेशक के.जी. सुरेश और रिडायर्ड जनरल जी.डी. बक्शी ने कार्यक्रम शुरू होने से पहले सभा को संबोधित किया।

हालांकि, संस्थान के एक छात्र ने कहा कि जनरल बख्शी कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकते और उनके द्वारा सभा को संबोधित किए जाने के बजाय कारगिल में शहीद हुए कैप्टन विजयंत थापर के पिता कर्नल वी.एन. थापर को इसमें भाग लेना चाहिए था।

जवाहरलाल नेहरू (जेएनयू) परिसर के पास स्थित संस्थान ने जुलाई में कारगिल के शहीदों की याद में और उन्हें श्रद्धांजलि स्वरूप अपने कैम्पस में एक जुलूस निकाला था।

छात्रों के बीच देशभक्ति पैदा करने के लिए जेएनयू के उपकुलपति एम. जगदीश कुमार द्वारा जेएनयू परिसर में एक डिकमीशंड टैंक स्थापित किए जाने की मांग के बाद यह कार्यक्रम सुर्खियों में रहा।


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