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आईफा दिलाएगा मप्र को वैश्विक पहचान : कमल नाथ

मध्यप्रदेश में मार्च में आईफा अवार्ड समारोह होने वाला है। इस आयोजन से राज्य में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है

आईफा दिलाएगा मप्र को वैश्विक पहचान : कमल नाथ
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भोपाल। मध्यप्रदेश में मार्च में आईफा अवार्ड समारोह होने वाला है। इस आयोजन से राज्य में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है। मुख्यमंत्री कमल नाथ का मानना है कि यह आयोजन राज्य को वैश्विक पहचान दिलाने वाला होगा। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ब्लॉग लिखकर इस प्रतिष्ठित आयेाजन का सिलसिलवार ब्यौरा दिया और राज्य के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, "हिंदी सिनेमा की इंद्रधनुषी दुनिया को हिंदुस्तान की कला, संस्कृति, संस्कारों और साहित्य का प्रतिबिंब माना जाता है। फिल्म जगत की हस्तियों ने एक बार ये मानस बनाया कि भारत के गौरवशाली इतिहास और सुनहरे भविष्य को हर हाल में विश्वभर में रेखांकित किया जाना चाहिए, ताकि भारत की साख को दुनिया में स्थापित किया जा सके और ये महती जिम्मेदारी आईफा को सौंपी गई।"

आईफा की यात्रा का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, नई सदी 2000 में अवार्ड की बुनियाद युनाइटेड किंगडम के लंदन शहर में रखी गई। आयोजन इतना सफल रहा कि पूरे ब्रिटेन ने एक स्वर में भारत को कहा 'हम दिल दे चुके सनम' और यही वह पहली फिल्म भी थी, जिसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिला।

कमल नाथ ने आईफा के आयोजन से सिंगापुर ने महसूस किया कि इस आयोजन के दौरान उनके यहां आर्थिक गतिविधि बढ़ गईं। बाजारों में इस दौरान काफी खरीदारी हुई। होटलों ने बहुत अच्छा व्यवसाय किया। पर्यटक बड़ी संख्या में आए और पर्यटन के क्षेत्र में 30 प्रतिशत इजाफा हुआ।

मुख्यमंत्री ने राज्य की स्थिति और आईफा के आयोजन का जिक्र करते हुए लिखा, "यूं तो हमारे प्रदेश के इतिहासकारों, साहित्कारों, कलमकारों, कलाकारों का लोहा पूरे विश्व ने माना है, मगर फिर भी हमारा प्रदेश अपनी साख स्थापित करने के लिए जूझ रहा है। मैं चाहता हूं कि अब पूरे विश्व में मध्यप्रदेश की पहचान अच्छे संदर्भो में स्थापित हो।"

वालीवुड में राज्य के लोगों की उपस्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "याद रखिए, बॉलीवुड में काम करने वाले 30 से 35 प्रतिशत लोग चाहे वे लेखक हों, अभिनेता-अभिनेत्री हों, डायरेक्टर-प्रोड्यूसर हों या कैमरामैन, अपने मध्यप्रदेश से ही हैं। तब हमारा दायित्व और भी बन जाता है कि हम अपने अतिथि सत्कार में कोई कसर न छोड़ें।"

इस आयोजन को प्रदेश के अंतिम व्यक्ति को समर्पित करते हुए उन्होंने ब्लॉग में लिखा है, "मैं, इस आईफा अवार्ड आयोजन को प्रदेश के आदिवासी भाइयों और अंतिम पंक्ति में खड़े हुए नागरिकों को समर्पित करता हूं, क्योंकि यह आयोजन इन्हीं की समृद्धि के द्वार सबसे पहले खोलेगा।"


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