Top
Begin typing your search above and press return to search.

'अगर मुंह खोल दिया तो...' सोरेन परिवार की बहू का बड़ा हमला

भाजपा में शामिल हुईं शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा विधानसभा सीट की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने नाम लिए बगैर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पर जोरदार हमला बोला है

अगर मुंह खोल दिया तो... सोरेन परिवार की बहू का बड़ा हमला
X

रांची। भाजपा में शामिल हुईं शिबू सोरेन की बड़ी बहू और जामा विधानसभा सीट की पूर्व विधायक सीता सोरेन ने नाम लिए बगैर झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने बुधवार शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बेहद तल्ख शब्दों में एक-एक कर सात पोस्ट किए।

सीता सोरेन ने चेतावनी भरे शब्दों में लिखा, "झारखंड और झारखंडियों के लिए अपने जीवन का बलिदान देने वाले स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी के नाम की आज दुहाई देकर घड़ियाली आंसू बहाने वाले लोगों से विनती है कि मेरे मुंह में अंगुली नहीं डालें, वरना अगर मैं और मेरे बच्चों ने मुंह खोलकर भयावह सच्चाई उजागर किया तो कितनों का राजनीतिक और सत्ता सुख का सपना चूर-चूर हो जायेगा और झारखंड की जनता वैसे लोगों के नाम पर थूकेगी, जिन्होंने हमेशा से दुर्गा सोरेन और उनके लोगों को मिटाकर समाप्त करने की साज़िश की है।"

दरअसल, हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने बुधवार सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डालकर सीता सोरेन के पति स्व. दुर्गा सोरेन के संघर्ष और हेमंत सोरेन से उनके आत्मीय रिश्तों का उल्लेख किया था। उन्होंने स्व. दुर्गा सोरेन और हेमंत सोरेन की तस्वीर भी शेयर की थी। अब, सीता सोरेन ने कल्पना का नाम लिए बगैर उन पर जोरदार पलटवार किया है।

उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है, "मेरे पति स्वर्गीय दुर्गा सोरेन जी के निधन के बाद से मेरे और मेरे बच्चों के जीवन में जो परिवर्तन आया, वह किसी भयावह सपने से कम नहीं था। मुझे और मेरी बेटियों को न केवल उपेक्षित किया गया, बल्कि हमें सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी अलग-थलग कर दिया गया। ईश्वर जानता है कि मैंने इस दौर में अपने बेटियों को कैसे पाला है। मुझे और मेरी बेटियों को उस शून्य में छोड़ दिया गया, जहां से बाहर निकल पाना हमारे लिए असंभव लग रहा था। मैंने न केवल एक पति खोया, बल्कि एक अभिभावक, एक साथी और अपने सबसे बड़े समर्थक को भी खो दिया।"

सीता सोरेन ने अपने इस्तीफे की वजह को साफ करते हुए अगले पोस्ट में लिखा, "मेरे इस्तीफे के पीछे कोई राजनीतिक कारण नहीं है। यह मेरी और मेरी बेटियों की पीड़ा, उपेक्षा और हमारे साथ हुए अन्याय के खिलाफ एक आवाज है। जिस झारखंड मुक्ति मोर्चा को मेरे पति ने अपने खून-पसीने से सींचा, वह पार्टी आज अपने मूल्यों और कर्तव्यों से भटक गई है।"

उन्होंने आगे लिखा, "मेरे लिए, यह सिर्फ एक पार्टी नहीं, बल्कि मेरे परिवार का एक हिस्सा था। मेरा निर्णय भले ही दुःखदायी हो, लेकिन यह अनिवार्य था। मैंने समझ लिया है कि अपनी आत्मा की आवाज़ सुनना और अपने आदर्शों के प्रति सच्चे रहना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। मैं समस्त झारखंड वासियों से अनुरोध करती हूं कि मेरे इस्तीफे को एक व्यक्तिगत संघर्ष के रूप में देखें, न कि किसी राजनीतिक चाल के रूप में।"


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it