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जीवन में सुधार न लाए तो वैज्ञानिक अनुसंधान किसी काम का नहीं : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों के जीवन में सुधार न लाए ऐसा वैज्ञानिक अनुसंधान किसी काम का नहीं

जीवन में सुधार न लाए तो वैज्ञानिक अनुसंधान किसी काम का नहीं : उपराष्ट्रपति
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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि लोगों के जीवन में सुधार न लाए ऐसा वैज्ञानिक अनुसंधान किसी काम का नहीं। वे यहां दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), आर.के. पुरम के एशियाई क्षेत्रीय अंतरिक्ष सेटलमेंट डिजाइन प्रतियोगिता 2018 के विजेता छात्रों के साथ बातचीत कर रहे थे। ये छात्र नासा, अमेरिका में आयोजित होने वाली वल्र्ड फाइनल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अंतिम लक्ष्य मानवीय जीवन को बेहतर बनाना है। उन्होंने इस असाधारण अवसर पाने पर छात्रों को बधाई दी और अंतरिक्ष सेटलमेंट की डिजाइन तैयार करने में उनके कठिन परिश्रम और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह असाधारण उपलब्धि है।

उपराष्ट्रपति ने छात्रों को सुझाव दिया कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और नए अनुभव का उपयोग भविष्य में व्यावहारिक कार्यो के लिए करें। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से आपको अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में और ज्ञान प्राप्त होगा।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे देश की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान राष्ट्रों में से एक है और हमें अपने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) पर गर्व है। इसरो अब सार्क देशों सहित अन्य राष्ट्रों के लिए सेटेलाइट बना रहा है।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने भारत के इतिहास और उसकी महान परम्पराओं की चर्चा की तथा कहा कि भारत का मूल दर्शन साझा और देख-रेख करना है। उन्होंने कहा कि समाज से सामाजिक भेदभाव और क्रूरता को मिटाना चाहिए।


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