भारत की स्थिति पर ध्यान नहीं दिया तो पाकिस्तान में शरणार्थी संकट पैदा हो सकता है : इमरान
प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने में विफल रहा तो पाकिस्तान के लिए एक और शरणार्थी संकट पैदा हो सकता

इस्लामाबाद । प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा कि अगर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने में विफल रहा तो पाकिस्तान के लिए एक और शरणार्थी संकट पैदा हो सकता है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के 40 वर्ष पूरा होने पर इस्लामाबाद में आयोजित दो दिवसीय शरणार्थी शिखर सम्मेलन में बोलते हुए खान ने कहा कि नाजीवाद पर आधारित भारत की अति राष्ट्रवादी विचारधारा अनियंत्रित हो सकती है, जिससे विनाश हो सकता है और यह क्षेत्र एक संकटग्रस्त क्षेत्र बन सकता है।
इमरान खान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह 11 दिनों में पाकिस्तान को नष्ट कर सकते हैं। खान ने इस पर कहा कि यह एक बड़ी आबादी वाले परमाणु संपन्न राष्ट्र के प्रमुख द्वारा एक जिम्मेदार बयान नहीं है।
इमरान ने कहा, "हिंदुत्व विचारधारा के कारण कश्मीरियों को 200 दिनों से ज्यादा समय तक जेल में रखा गया है। भारत में 20 करोड़ मुस्लिमों को निशाना बनाते हुए भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली सरकार ने दो भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी कानून पारित किए हैं।"
अफगान शांति प्रक्रिया का उल्लेख करते हुए इमरान ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगान शांति प्रक्रिया को अब तक का सबसे अच्छा समर्थन दिया है।
उन्होंने कहा, "हमें अफगानिस्तान में विकास और आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की समृद्धि के लिए शांति की आवश्यकता है। विकास केवल व्यापार और मैत्रीपूर्ण संबंधों के माध्यम से संभव हो सकता है, जो दोनों देशों को अन्य मध्य एशियाई राष्ट्रों के साथ अपने संबंधों को सुधारने में भी मदद करेगा।"
इमरान ने कहा, "मैं गर्व के साथ कहता हूं कि मेरे देश ने लाखों शरणार्थियों की मेजबानी की है। आर्थिक चुनौतियों के बावजूद पाकिस्तान ने अफगान शरणार्थियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं।" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 40 साल से शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेताओं ने शरणार्थियों के संकट का इस्तेमाल वोट हासिल करने और नफरत फैलाने के लिए व्यक्तिगत लाभ के लिए किया है।
सम्मेलन में बोलते हुए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान गरिमा, सुरक्षा और सम्मान के साथ अफगान शरणार्थियों की वापसी की नीति अपना रहा है।
मंत्री ने कहा कि शांति और स्थिरता अपरिहार्य है और पाकिस्तान अफगान के स्वामित्व वाली और अफगानिस्तान के नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करना जारी रखेगा।


