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सेवा पर भ्रम हो तो न्यायालय जाए केंद्र : केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को यहां कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चार जुलाई के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार के पास नौकरशाहों की नियुक्ति और तबादला करने का अधिकार है

सेवा पर भ्रम हो तो न्यायालय जाए केंद्र : केजरीवाल
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को यहां कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के चार जुलाई के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार के पास नौकरशाहों की नियुक्ति और तबादला करने का अधिकार है और अगर केंद्र को इस पर किसी भी प्रकार का भ्रम है तो उसे सर्वोच्च न्यायालय का रुख करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह सेवा मामले पर अदालत जाएंगे? उन्होंने कहा, "उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय को इसपर भ्रम है और उन्हें न्यायालय का जाना चाहिए। हमें कुछ भी भ्रम नहीं है।"

केजरीवाल ने कहा कि उपराज्यपाल और गृह मंत्रालय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की 'एक अजीब तरह से' व्याख्या कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "वे लोग कह रहे हैं कि वे फाइलों और फैसले के एक भाग को मानने के लिए तैयार हैं, लेकिन सेवा पर दिए गए फैसले को नहीं मानेंगे। ऐसा नहीं होता है, या तो पूरा फैसला स्वीकार करें या न करें। आप अपने इच्छानुसार फैसले स्वीकार नहीं कर सकते।"

केजरीवाल ने यह भी कहा कि एक तरफ तो गृह मंत्रालय कह रहा है कि वह उपराज्यपाल के कार्य में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है, लेकिन उनके द्वारा खुद शुक्रवार को जारी बयान के अनुसार, उन्होंने उपराज्यपाल को सेवा पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने तक इंतजार करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, "अदालत ने कहा है कि तीन मामलों (पुलिस, भूमि और सार्वजनिक व्यवस्था) को छोड़कर सेवा समेत सभी शक्तियां दिल्ली सरकार के पास हैं। फैसला अब एक कानून बन चुका है, वे लोग इसे नहीं मान रहे हैं। यह न्यायालय की अवमानना है।"


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