मुद्रा योजना दस वर्ष पहले शुरू की जाती तो इतनी समस्या न होती: मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि यदि मुद्रा योजना जैसी स्कीम को 10 वर्ष पहले शुरू किया जाता तो वर्तमान में शहरीकरण की समस्याओं से निपटने में इतनी अधिक चुनौतियां का सामना नहीं करना पड़ता।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि यदि मुद्रा योजना जैसी स्कीम को 10 वर्ष पहले शुरू किया जाता तो वर्तमान में शहरीकरण की समस्याओं से निपटने में इतनी अधिक चुनौतियां का सामना नहीं करना पड़ता।
मोदी ने ‘नरेन्द्र मोदी मोबाइल एप’ और दूरदर्शन पर मुद्रा योजना के लाभार्थियों से संवाद करते हुए कहा कि लाभार्थियों को पहले ही छह लाख करोड रुपए से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है।
मोदी ने कहा“ अगर इस याेजना को काफी पहले शुरू कर दिया जाता तो गांवाें में अपने वृद्व माता पिता और परिवारों को छोड़कर शहरों में आने वाले युवकों की संख्या में कमी आ सकती थी।
यह ऐसी याेजना है जिसमें हमने मूल लक्ष्य से अधिक धनराशि वितरित की है और काफी धनराशि ऐसी है जो पहली बार रोजगार के इच्छुक युवाओं को दी गई है।”
उन्होंने कहा कि मुद्रा योजना ने निजी क्षेत्र में काफी लंबे समय से मौजूद “साहूकारी ” की कुप्रथा के एकछत्र राज्य को तोड़ने में काफी काम किया है।
मोदी ने इसी तरह के एक कार्यक्रम में कल उज्ज्वला योजना लाभार्थियों से संवाद करते हुए कहा था कि इस याेजना के चार कराेड़ लाभार्थियों में 45 प्रतिशत लोग दलित और आदिवासी वर्ग के हैं। इस योजना का मकसद गरीब परिवारों तक एलपीजी सिलेंडर का दायरा बढ़ाना है और इसने ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक बदलाव की शुरूआत की है। देश के 70 प्रतिशत ग्रामों में अब एलपीजी की पहुंच 100 प्रतिशत हो गई है।
गाैरतलब है कि वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने आम लोगों से संवाद करने का एक विशिष्ठ संवाद कार्यक्रम शुरू किया है। श्री मोदी ने सोमवार से इस तरह के अनूठे कार्यक्रम का शुभारंभ किया है जिसमें वह उज्ज्वला , मुद्रा योजना और कईं अन्य सरकारी स्कीमों के लाभार्थियों से विभिन्न स्तराें पर संवाद करेंगें।


