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ग्रेनो की सफाई व्यवस्था बाधित हुई तो कॉन्ट्रैक्टरों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

कॉन्ट्रैक्टर के अधीन सफाई कर्मियों की हड़ताल पर प्राधिकरण ने सख्त रूख अपनाया है

ग्रेनो की सफाई व्यवस्था बाधित हुई तो कॉन्ट्रैक्टरों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई
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ग्रेटर नोएडा। कॉन्ट्रैक्टर के अधीन सफाई कर्मियों की हड़ताल पर प्राधिकरण ने सख्त रूख अपनाया है। प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा की साफ-सफाई का जिम्मा संभाल रहे कॉन्ट्रैक्टरों को चेतावनी दी है कि अगर सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई तो कॉन्ट्रैक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन पर जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही इन कंपनियों को काली सूची में भी डाला जाएगा।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में सफाई का जिम्मा एजी एनवायरो, मैसर्स साईंनाथ, मैसर्स ओनिक्स और मैसर्स आरआर पर है। इन कंपनियों के अधीन करीब 1600 कर्मचारी सफाई व्यवस्था के अंतर्गत कार्यरत हैं। वेतन वृद्धि व प्राधिकरण में स्थायी नौकरी समेत अन्य मांगों को लेकर इनमें से कुछ कर्मचारी हड़ताल पर हैं।

मानवीय आधार पर अपनी तरफ से पहल करते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने शुक्रवार को कॉन्ट्रैक्टरों व उनके सफाई कर्मियों के साथ लंबी बैठक की। बैठक में बताया गया कि उत्तर प्रदेश न्यूनतम मजदूरी अधिनियम व न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 के अंतर्गत हेल्पर का मासिक वेतन 9743 रुपये निर्धारित है, जबकि एजी एनवायरो की तरफ से 400 सफाई कर्मियों को 14981 रुपये और मैसर्स साईं नाथ, मैसर्स ओनिक्स व मैसर्स आरआर की तरफ से 1200 सफाई कर्मियों को 17190 रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है। इन कंपनियों की तरफ से अपने सफाई कर्मियों को ईएसआई व पीएफ की भी सुविधा दी गई है।

बोनस के नियम के अनुसार मूल वेतन के आधार पर 9500 रुपये बोनस बनता है, जबकि 10,800 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। आसपास के किसी भी प्राधिकरण या नगर निगम में बोनस की सुविधा नहीं है। लंबी बैठक में विचार-विमर्श के बावजूद ये कर्मचारी अपनी अनुचित मांग पर अड़े रहे, जिस पर प्राधिकरण ने साफ कह दिया है कि कॉन्ट्रैक्टर के कर्मचारियों को प्राधिकरण में स्थायी तैनाती का कोई नियम नहीं है, इसलिए इस मांग को पूरा करना संभव नहीं है।

सफाई कर्मचारी हड़ताल खत्म करने को राजी नहीं हो रहे। प्राधिकरण ने कॉन्ट्रैक्टरों से साफ कहा है कि इस हड़ताल के चलते शहर में किसी भी जगह सफाई व्यवस्था बाधित नहीं होनी चाहिए। अगर कहीं से ऐसी शिकायत मिली तो कॉन्ट्रैक्टरों पर भारी जुर्माना लगाने के साथ ही काली सूची में भी डाला जाएगा। साथ ही हड़ताल से इतर सफाई व्यवस्था में जुटे कर्मचरियों को अगर किसी ने रोकने की कोशिश तो उत्तर प्रदेश आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम के अंतर्गत कार्य में बाधा डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सफाई व्यवस्था आवश्यक कार्य के अंतर्गत आता है। इसलिए बाधा डालने वाले व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। प्राधिकरण के प्रभारी महाप्रबंधक सलिल यादव ने बताया कि किसी एरिया में सफाई न होने पर शिकायत के लिए नंबर जारी किए गए हैं।

इन नंबरों 8076347284, 7217701611, 7011880693 और 8937024017 पर सिर्फ व्हाट्स एप मैसेज कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उसका शीघ्र निस्तारण किया जाएगा।


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