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मांगों को लेकर अगर केंद्र लगातार चुप्पी साधे रखती है तो घर-घर अभियान शुरू करेंगे: केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि अगर केंद्र उनकी मांगों को लेकर लगातार चुप्पी साधे रखती है तो वह रविवार से घर-घर अभियान शुरू करेंगे

मांगों को लेकर अगर केंद्र लगातार चुप्पी साधे रखती है तो घर-घर अभियान शुरू करेंगे: केजरीवाल
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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि अगर केंद्र उनकी मांगों को लेकर लगातार चुप्पी साधे रखती है तो वह रविवार से घर-घर अभियान शुरू करेंगे।

केजरीवाल ने उपराज्यपाल के कार्यालय से जारी वीडियो में पार्टी कार्यकर्ताओं से इसी तरह के अभियान चलाने के लिए कहा। इस अभियान में बिजली दरों में कटौती सहित अन्य योजनाओं के बारे में लोगों को बताने के लिए कहा गया है।



केजरीवाल ने कहा, "रविवार के बाद अगर हमारी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई, तो हम लोगों के घर जाएंगे और 10 लाख परिवारों के हस्ताक्षर लेकर आएंगे। वह मेरी मांगों पर जवाब नहीं दे रहे हैं, इसलिए दिल्ली के लोग अब उनसे सवाल पूछेंगे।"

केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय उपराज्यपाल के कार्यालय में सोमवार से धरने पर बैठे हैं। शुक्रवार को उनके धरने का पांचवा दिन है।

केजरीवाल दिल्ली प्रशासन में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों की अघोषित हड़ताल को समाप्त करवाने, 'चार महीनों' से काम नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने और दिल्ली सरकार के गरीबों के घर तक राशन पहुंचाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने की मांग कर रहे हैं।

आम आदमी पाटी(आप) ने मांग नहीं मानने की स्थिति में रविवार को प्रधानमंत्री के आवास तक प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह कुछ समय में उपराज्यपाल द्वारा उनकी मांग को मंजूरी देने की उम्मीद कर रहे थे लेकिन 'यह देखकर अचंभित है कि आईएएस की हड़ताल अभी भी जारी है।'

केजरीवाल ने कहा, "हमने उपराज्यपाल को लिखा। हमने प्रधानमंत्री को लिखा। प्रधानमंत्री ने अधिकारियों को हड़ताल समाप्त करने का आदेश क्यों नहीं दिया। दूसरी तरफ भाजपा के सदस्य अधिकारियों के हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।"

उन्होंने प्रधानमंत्री पर दिल्ली के लोगों से बदला लेने का आरोप लगाया।

केजरीवाल ने कहा, "हमारी सरकार ने बीते तीन सालों में बहुत कुछ किया है, जिसके बारे में उनके लिए बताना कठिन है। वे लोग बीते 15 वर्षो से मध्यप्रदेश में सत्ता में हैं, गुजरात में बीते 30 वर्ष से सत्ता में हैं। क्योंकि वे अपने राज्यों में विकास कार्य नहीं कर पाए, इसलिए वे हमें रोकना चाहते हैं।"

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह अपने लिए या अपने बच्चों के लिए कुछ नहीं मांग रहे हैं।

उन्होंने कहा, "मैं यहां एसी या सोफे के लिए नहीं बैठा हुआ हूं। यह मेरे घर में है। अगर आपको लगता है कि मैं यहां अपने आराम के लिए बैठा हूं, तो अपने सोफे पर जाकर चार दिनों तक सोने की कोशिश कीजिए। हम यहां दिल्ली, और इसके लोगों के लिए हैं।"


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