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PM आदिवासियों के हितैषी है तो "सरना" धर्मकोड लागू करें :कांग्रेस

झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर उन्हें सादर नमन किया एवं प्रधानमंत्री का झारखंड की धरती में स्वागत किया।

PM आदिवासियों के हितैषी है तो सरना धर्मकोड लागू करें :कांग्रेस
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रांची । झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने आज बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर उन्हें सादर नमन किया एवं प्रधानमंत्री का झारखंड की धरती में स्वागत किया।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के तत्वावधान में आज कांग्रेस भवन, रांची में अपराह्न एक बजे संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। संवाददाता सम्मेलन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर एवं कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने किया। इस अवसर पर आवास बोर्ड के चेयरमैन संजय लाल पासवान, प्रदेश महासचिव सह कार्यालय प्रभारी अमुल्य नीरज खलखो, महासचिव राकेश सिन्हा उपस्थित थे।

संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर नेे कहा कि खूंटी में प्रधानमंत्री की गरिमा का ख्याल न रखते हुए पूरे मंच को भगवामय बनाने का काम किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक बाबूलाल मरांडी किस हैसियत से मंच पर विराजमान थे जबकि उन पर दल बदल का मामला विधानसभा के अध्यक्ष के पास लंबित है।

उन्होंने कहा कि गांधी के आंधी से डरे झूठों के सरदार प्रधानमंत्री, पांच राज्यों के चुनाव छोड़ भगवान बिरसा मुंडा की धरती में आकर एक बार फिर लोगों के आंखों में धूल झोकने का प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि कांग्रेस की तम्बू उखड़ने वाली है। सच्चाई यह है कि उनके सारे केन्द्रीय मंत्री जो विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है वो बुरी तरह चुनाव हार रहे हैं।

उन्होंने कहा कि आज भगवान बिरसा मुंडा की जयंती है और प्रधानमंत्री को इस तरह महामंडित किया जा रहा है, मानों आज प्रधानमंत्री का जन्मदिन है। ‘‘मुहं में राम बगल में छूरी’’ वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए एक तरफ प्रधानामंत्री बिरसा मुंडा को जेल में श्रद्धांजलि देने जाते हैं और दूसरी ओर भगवान बिरसा मुंडा के राह पर चलने वाले जल, जंगल जमीन की लड़ाई लड़ने वाले राज्य के मुख्यमंत्री को जेल भेज कर सत्ता पर काबिज होना चाहते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री को आज भगवान बिरसा मुंडा जी के आगे सभी आदिवासी भाई-बहनों से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए थी क्योंकि उनके शासन काल में

मणिपुर के आदिवासी बहनों के साथ हुए दुराचार की घटना घटित हुई है, जिससे पूरा देश शर्मसार हुआ। डबल इंजन की सरकार में आदिवासियों की जमीन लूटने के लिए सीएनटी/एसपीटी एक्ट को खत्म कर अपने पूंजीपति मित्रों को लाभ पहुंचाने के प्रयास किया गया। सरना धर्मकोड़ को जनगणना प्रपत्र में शामिल न करने के साजिश के तहत राज्य सरकार के विधेयक को लटका कर रखा गया।

वन संरक्षण नियम 2022 में जिस प्रकार वन भूमि अभियोजन में ग्राम सभा के अधिकार को समाप्त किया गया जिसे देश के 20 करोड़ आदिवासी एवं वनों में निवास करने वाले करोड़ो आदिवासियों को जमीन से बेदखल करने की योजना बनाई गई। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा स्थापित देश के एकलौते भारी औद्योंिगकी अभियंत्रण (एचईसी) को बन्द कर निजी हाथों में बेचने की कवायद की जा रही है।

प्रदेश अध्यक्ष श्री ठाकुर ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री सचमुच आदिवासियों की हितैशी है तो अविलंब लंबित सरना धर्मकोड को लागू करें। साथ ही आदिवासी बहूल झारखंड राज्य का केन्द्र सरकार के पास बकाया राशि एक लाख 36 हजार करोड़ रूपेया अविलंब झारखंड सरकार को भेजने का काम करें।

कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि प्रधानमंत्री जहां जाते हैं सिर्फ घोषणा ही करते हैं जमीन पर कहीं भी उनकी घोषणा का क्रियान्वयन नजर नहीं आता है। देश के गृह मंत्री अमित शाह जी ने वर्ष 2017 में भगवान बिरसा मुंडा के जन्मस्थली उलिहातू गांव से शहीद ग्राम विकास योजना की घोषणा की थी जो अब तक सिर्फ घोषणा ही बनकर रह गई।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी बगल के राज्यों में हो रहे चुनाव में आदिवासियों को प्रभावित करने के उद्देश्य से बड़ी-बड़ी झूठी घोषणाएं करने झारखंड आये हैं। प्रधानमंत्री जी ने जो घोषणा किया था कि 2022 तक सभी जरूरतमंद गरीबों को पक्का मकान दिया जाएगा झारखंड सरकार पिछले दो वर्षों से लंबित 8.5 लाख प्रधानमंत्री आवास के लिए केन्द्र सरकार से गुहार लगा रही है परन्तु अब तक केन्द्र सरकार द्वारा पूरा नहीं किया गया। झारखंड सरकार ने अपने पैसे से तीन सालों में राज्य के जरूरतमंद गरीबों को अबुआ आवास देने के लिए योजना का क्रियान्यवन कर रही है।

देश के कांग्रेस नीत सरकारों द्वारा फिर से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया गया। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन जैसे संवेदनशील मामले पर भी प्रक्रिया को जटिल बनाने का कार्य किया गया जिससे जब गरीब विधवाओं एवं वृद्धजनों को पेंशन का लाभ नहीं मिल पा रहा था तो राज्य सरकार ने सर्वजन पेंशन योजना लागू किया।


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