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नेहरू ने कश्मीर का मामला पटेल को सौंपा होता तो कोई समस्या नहीं होती: राजनाथ

राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अगर कश्मीर के मामले को सरदार पटेल को सौंपा होता तो आज यह कोई समस्या नहीं होती

नेहरू ने कश्मीर का मामला पटेल को सौंपा होता तो कोई समस्या नहीं होती: राजनाथ
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बारडोली। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने अगर कश्मीर के मामले को सरदार पटेल को सौंपा होता तो आज यह कोई समस्या नहीं होती और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा रहा होता।

उन्होंने कहा कि लेकिन कश्मीर को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इसका हल होकर रहेगा और इसे दुनिया की कोई भी ताकत रोक नहीं सकेगी।

सिंह ने सीमा पर बिनावजह गोलीबारी करने तथा आतंकवादी भेजने को लेकर पाकिस्तान पर प्रहार करते हुए कहा कि उसे समझ जाना चाहिए कि अब देश में कांग्रेस की ढुलमुल सरकार नहीं है बल्कि मोदी जी की सरकार है। ऐसे में पाकिस्तान की नापाक हरकत लंबे समय तक नहीं चलेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस के समय में सुरक्षाबलों के बंधे हाथ अब खोल दिये गये हैं तथा सरकार ने इसे आतंकवादियों से कडाई से निपटने और पाकिस्तान के सीमा पार से हाेने वाले हमलों का करारा जवाब देने के स्थायी आदेश दे दिये गये हैं। पहले हमला करने को तो नहीं कहा गया पर जवाब देने में गोलियों का हिसाब भी नहीं रखने को कहा गया है।

सिंह ने आज गुजरात के सूरत जिले के बारडोली में सत्तारूढ भाजपा की गुजरात गौरव यात्रा के क्रम में एक चुनावी सभा में कहा कि सरदार पटेल ने जैसे जूनागढ और हैदराबाद की रियासतों को कडाई से भारत में मिलाया था अगर नेहरू जी ने उन्हें ही कश्मीर के मामले की भी जिम्मेदारी दे दी होती तो आज यह कोई समस्या हीं नहीं होता। पर ऐसा नहीं किया गया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने नाम पाक के उलट नापाक हरकतें छोड नहीं रहा। यह अपनी धरती से भारत में लोगों की हत्या के लिए आतंकवादी भेजता है पर अब सुरक्षाबलों को इनसे निपटने की पूरी छूट दे दी गयी है जिसका नतीजा है कि रोज आतंकवादी मारे जा रहे हैं जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

पाकिस्तान की हरकते अब लंबे समय तक नहीं चल पायेंगी। पहले की सरकारों के समय में पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी के समय भारत को सफेद झंडा दिखाने की ताकीद की गयी थी पर हमने स्थायी आदेश दे दिया है कि इसका जवाब देते समय गोलियों की गिनती नहीं होनी चाहिए।

मोदी सरकार में भारत कमजोर नहीं रहा। चीन के डोकलाम गतिरोध से भी यह स्पष्ट हो गया। 1962 की चीन की लडाई का नतीजा भी सब जानते हैं पर अब ऐसा नहीं है।

सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार में डूबी तथा इसके लिए दुनिया भर मेें बदनाम कांग्रेस के शाहजादे राहुल गांधी को गुजरात का विकास नहीं दिखता जबकि पूरी दुनिया आज इसके मॉडल को सराह रही है।

कांग्रेस सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हवा खाते थे जबकि मोदी सरकार के मंत्री पर कोई ऐसे आरोप नहीं लगा सकता।
हम सत्ता के लोभ में सरकार में नहीं हैं। इसीलिए भ्रष्टाचार पर रोकने के लिए कडे फैसले भी ले रहे हैं।

हमे सत्ता की नहीं देश की चिंता है। उन्होंने दावा किया कि गुजरात महिलाओं और आदिवासी युवाओं को रोजगार दिलाने में सबसे आगे है।
यहां 22 साल तक भाजपा की सरकार इसलिए है क्योंकि यह जनता की कसौटी पर खरी उतरी है। जनता तो आम तौर पर पांच से 10 साल में सरकार बदल देती है।


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