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केजरीवाल फिर मुख्यमत्री बने तो करेंगे शीला की बराबरी

आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा के इस चुनाव में अपनी पार्टी को जिताकर मुख्यमंत्री बनने में सफल होते हैं तो वह अब तक सबसे अधिक बार यह पद संभालने के शीला दीक्षित के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे

केजरीवाल फिर मुख्यमत्री बने तो करेंगे शीला की बराबरी
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नयी दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा के इस चुनाव में अपनी पार्टी को जिताकर मुख्यमंत्री बनने में सफल होते हैं तो वह अब तक सबसे अधिक बार यह पद संभालने के शीला दीक्षित के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे।

आठ फरवरी को होने वाले चुनाव में अगर आप पार्टी जीतती है तो श्री केजरीवाल लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालेंगे। इससे पहले शीला दीक्षित लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी थीं। वह लगातार पंद्रह वर्ष तक दिल्ली की मुख्यमंत्री पद पर रहीं। श्री केजरीवाल दो बार से इस पद पर हैं लेकिन उनका पहला कार्यकाल केवल 49 दिन का ही था।

शीला दीक्षित ने जहां मुख्यमंत्री के रुप में तीन कार्यकाल पूरे किए वहीं भारतीय जनता पार्टी की ओर से एक ही कार्यकाल में तीन मुख्यमंत्री बने। दिल्ली में 1993 में विधानसभा का गठन होने के बाद हुये चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली और मदन लाल खुराना दिसंबर 1993 में मुख्यमंत्री बने। हवाला कांड में नाम आने पर फरवरी 1996 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह साहिब सिंह वर्मा ने यह पद संभाला।

भाजपा ने 1998 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुषमा स्वराज मुख्यमंत्री बनी। इस चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा और सुषमा स्वराज इस पद पर दो माह भी पूरा नहीं कर सकीं।

वर्ष 1998 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद शीला दीक्षित ने दिसंबर 1998 में मुख्यमंत्री पद संभाला। उनके नेतृत्व में कांग्रेस ने अगले दो चुनाव जीते और शीला दीक्षित दिसंबर 2003 में दूसरी बार तथा नवंबर 2008 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं और दिसंबर 2013 तक इस पद पर रहीं। वर्ष 2013 में हुये चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी लेकिन बहुमत से दूर रह गयी।

पहली बार चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनायी और दिसंबर 2013 में श्री केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। लोकपाल को लेकर मतभेद उभरने पर उन्होंने फरवरी 2014 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया और दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।

वर्ष 2015 में हुये विधानसभा चुनाव में आप को जबर्दस्त सफलता हासिल हुयी। उसने सत्तर सदस्यीय विधानसभा में 67 सीटें जीतीं और श्री केजरीवाल फरवरी 2015 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। आप उनके नेतृत्व में यह विधानसभा चुनाव लड़ रही है और इस चुनाव के लिए पार्टी ने “अच्छे बीते पांच साल लगे रहो केजरीवाल” का नारा दिया है।


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