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अगर भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू नहीं की तो कश्मीर गाजा बन जाएगा : फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू नहीं करता है, तो कश्मीर 'गाजा' बन जाएगा

अगर भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू नहीं की तो कश्मीर गाजा बन जाएगा : फारूक अब्दुल्ला
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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि अगर भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू नहीं करता है, तो कश्मीर 'गाजा' बन जाएगा।

अस्सी वर्षीय नेता ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “वाजपेयी जी ने कहा था कि हम दोस्त बदल सकते हैं, लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते। प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि युद्ध कोई विकल्प नहीं है। प्रगति के लिए संवाद ही एकमात्र रास्ता है। फिर भी अगर भारत ने पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू नहीं की तो कश्मीर दूसरा गाजा बन जाएगा।“

डॉ. अब्दुल्ला ने यह भी कहा कि गृहमंत्री ने चार साल पहले चेन्नई में कहा था कि अनुच्छेद 370 के कारण आतंकवाद है। इसे हटाए हुए चार साल हो गए, फिर भी आतंकवाद खत्‍म क्‍यो नहीं हो रहा है, इस पर सोचना चाहिए।

उन्होंने कहा, “अब उन्होंने चार साल बाद संसद में अपने उस बयान का खंडन किया है। कहते हैं, हमने ऐसा नहीं कहा था। देखिए, वह कितना झूठ बोलते हैं।''

डॉ. अब्दुल्ला ने पुंछ में 21 दिसंबर की मुठभेड़ के बाद सेना द्वारा कथित तौर पर मारे गए तीन नागरिकों की भी बात की। मुठभेड़ में चार सैनिक श्‍हीद हो गए।

उन्होंने कहा, “हमारे सैनिक मारे गए और उसके बाद सेना निर्दोष नागरिकों के पीछे लग गई। उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनके घावों पर मिर्च पाउडर छिड़का गया। वे यातना सहन नहीं कर सके और दम तोड़ दिया।“

उन्होंने आगे कहा, “आठ स्थानीय लोगों को उठाया गया। मुझे बताया गया है कि उनमें से तीन की मौत हो गई और पांच अस्पताल में भर्ती हैं।“

डॉ. अब्दुल्ला ने कहा, “मारे गए तीन नागरिकों में से एक का भाई बीएसएफ में है। आज वह पूछ रहा है कि 24 साल तक देश की सेवा करने का क्‍या यही इनाम है?”

पुंछ में नागरिकों की हत्या के बाद एक ब्रिगेडियर के तबादले के बारे में पूछे जाने पर नेकां संरक्षक ने कहा, “हां, मुझे बताया गया है कि सेना प्रमुख ने उत्तरी कमान के जीओसी-एन-सी का भी तबादला कर दिया गया है। उन्हें देहरादून की किसी अकादमी में भेजा गया है। उनका तबादला करने से क्या होगा?”

डॉ. अब्दुल्ला ने कहा, “पीड़ितों को मुआवजा दे देने से मसला हल नहीं होगा। अगर हम यहां सामान्य स्थिति बहाल हो जाने का दावा करते हैं, तो यह जांच की जानी चाहिए कि ये नागरिक क्यों मारे गए।“

उन्होंने आरोप लगाया, “यह गांधी का भारत था, मगर रहा नहीं। वैसा रहने नहीं दिया गया। अब हालात इस हद तक खराब हो गए हैं कि हिंदू और मुस्लिम एक-दूसरे को दुश्मन समझते हैं।”


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