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हेपेटाइटिस का समय पर इलाज किया जाए तो बच सकती है जिंदगी

 हेपेटाइटिस लिवर में सूजन की बीमारी है, जो गंभीर रूप धारण कर फिब्रोसिस या लिवर कैंसर तक का रूप ले सकती है

हेपेटाइटिस का समय पर इलाज किया जाए तो बच सकती है जिंदगी
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मेरठ। हेपेटाइटिस लिवर में सूजन की बीमारी है, जो गंभीर रूप धारण कर फिब्रोसिस या लिवर कैंसर तक का रूप ले सकती है। हेपेटाइटिस अल्कोहल एवं विषैली दवाओं तथा ऑटोइ यूहन डिजीज के कारण भी हो सकती है। हेपेटाइटिस मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं जिसमें ए, बी, सी, डी और ई। ये पांचों वायरस बहुत ही खतरनाक होते हैं। हेपेटाइटिस बी व सी सैकड़ों-हजारों लोगों में गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। दोनों मिलकर सिरोसिस और लीवर कैंसर के कारण बनते हैं, लेकिन इस बीमारी का ईलाज संभव है।

यदि समय पर बीमारी की पहचान कर ली जाए तो करीब 80 प्रतिशत मामलों में बचाव संभव है। जेपी हॉस्पिटल के लिवर ट्रांसप्लांट विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अभिदीप चौधरी ने बताया कि हेपेटाइटिस बी एवं हेपेटाइटिस सी लंबे समय से शराब पीने की आदत, सिरोसिस, हेमोक्रोमैटोसिस (ऐसी वंशानुगत बीमारी जिसमें शरीर के अंदर आयरन बहुत अधिक मात्रा में बन जाता है), मोटापा, संक्रमित सूई, असुरक्षित यौन संबंध, बिना सुरक्षित कपड़े पहने जहरीले रसायनों वाले काम करना, एक ही मशीन से कई लोगों का टैटू बनाना, शराब का अत्याधिक सेवन करना, शारीरिक श्रम न करना, तली-भूनी हुई चीजों का सेवन करना, दूषित पानी पीना, वायरस की चपेट में आना, मेटाबोलिक सिंड्रोम और कुपोषण आदि कारणों से हो सकती है।

डॉ. चौधरी के मुताबिक हेपेटाइटिस बी और सी वायरस कई तरीकों से फैल सकती है। यह वीर्य और योनि द्रव्य सहित शरीर के अन्य द्रव्यों के माध्यम से भी फैल सकती है। हेपेटाइटिस की प्रारंभिक अवस्था में लक्षणों को पहचानना थोड़ा कठिन होता है लेकिन क्रॉनिक अवस्था में इसके लक्षणों की पहचान की जा सकती है। क्रोनिक अवस्था में मरीज को पीलिया, मूत्र का रंग गहरा पीला होना, अत्यधिक थकान, मतली, उल्टी, पेट दर्द और सूजन, खुजलाहट, भूख कम लगना, वज़न के घटने जैसी शिकायतें रहती हैं। डॉ. चौधरी के मुताबिक कि लोग सोचते हैं कि जो अधिक शराब या अन्य तरह के अल्कोहल का सेवन करते हैं लिवर की बीमारी उन्हीं को होती है जबकि सच्चाई यह है कि जो लोग कभी-कभार शराब पीते हैं या नहीं भी पीते हैं उनके लिवर भी खराब हो सकते हैं। बीमारी का पता लगते ही यदि मरीज ईलाज की शुरुआत कर दे तो बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकता है।


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