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भाजपा व तृणमूल के घोषणापत्र में 'बंगाल की पहचान' को मिला महत्व

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा और तृणमूल दोनों के घोषणापत्र में 'बंगाल की पहचान' को अत्यंत महत्व दिया गया है

भाजपा व तृणमूल के घोषणापत्र में बंगाल की पहचान को मिला महत्व
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नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा और तृणमूल दोनों के घोषणापत्र में 'बंगाल की पहचान' को अत्यंत महत्व दिया गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि "बंगाल की विरासत और गौरव की रक्षा करें, तो वहीं भाजपा ने अपने घोषणापत्र में प्रदेश की प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर कई कार्यक्रम और बुनियादी परियोजनाओं की घोषणा की है। भाजपा ने कई परियोजनाओं की घोषणा करके 'बंगाल की पहचान' के साथ जुड़ने की कोशिश की है। इनमें नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर हावड़ा और सिलीगुड़ी के बीच एक एक्सप्रेसवे परियोजना, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर एक पुरस्कार, ऑस्कर की तर्ज पर सत्यजय रे के नाम पर अवॉर्ड, कोलकाता में सोनार बांग्ला संग्रहालय और राज्य में आधिकारिक पत्राचार में बांग्ला भाषा का अनिवार्य उपयोग शामिल है।

बंगाल की संस्कृति को संरक्षित करने के लिए भाजपा यह सुनिश्चित करने का वादा करती है कि सरस्वती पूजा और दुर्गा पूजा पूरे राज्य में बिना किसी भय या प्रतिबंध के मनाई जाए।

भगवा पार्टी ने सागर द्वीप में आयोजित गंगासागर मेले के लिए 2,500 करोड़ रुपये का आवंटन करने और इसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने और एक अंतर्राष्ट्रीय उत्सव के रूप में विकसित करने का वादा किया है।

भाजपा का मानना है कि बंगाली पहचान के बारे में बात करने से तृणमूल से मुकाबला करने में मदद मिलेगी, क्योंकि तृणमूल, भाजपा को बाहरियों की पार्टी कहती आई है, जिसको बंगाली पहचान की कोई समझ नहीं है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जारी घोषणापत्र पर कटाक्ष करते हुए तृणमूल नेता व लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया, "कितनी विचित्र बात है कि कैसे टूरिस्ट गैंग ने एक गुजराती के हाथों बंगाल के चुनावों के लिए जुमलों से भरा मैनिफेस्टो जारी किया। एक ऐसी पार्टी जिसे बंगाल की सभी 294 सीटों के लिए पर्याप्त उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे, उसे अब इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के लिए स्थानीय नेता भी नहीं मिल रहे हैं।"

वहीं, तृणमूल सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्वीट किया, "कितना हास्यास्पद है कि एक गुजरात निवासी जिसके (दाईं ओर) बगल में एक मध्यप्रदेश निवासी खड़ा है, घोषणापत्र जारी करता है और सोनार बांग्ला बनाने के लिए पूरा भाषण हिंदी में देता है।"

ओ'ब्रायन के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री मोदी के तहत भाजपा जो वादा करती है, उसे पूरा भी करती है। अपनी विभाजनकारी राजनीति से बंगाल को बांटने की कोशिश न करें। आप घबरा क्यों रहे हैं? क्योंकि खेला होबे का जवाब चाकरी होबे से दिया जा रहा है।"

नौकरी के मोर्चे पर भाजपा राज्य के प्रत्येक परिवार में एक नौकरी देने का वादा करती है, जबकि तृणमूल सालाना पांच लाख नई नौकरियों का सृजन करके बेरोजगारी दर को आधा करने का वादा कर रही है।

महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण, केजी से पीजी कक्षाओं की सभी लड़कियों को मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल, मुफ्त सार्वजनिक परिवहन का वादा किया है।

भाजपा ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए (लड़की के जन्म से लेकर शादी तक) तक लगभग 3.72 लाख रुपये देने का वादा किया है। इसमें जन्म पर 50,000 रुपये का बांड, 12वीं कक्षा तक की चार किस्तों में 22,000 रुपये, अविवाहित लड़कियों को दो लाख रुपये, जो 12वीं कक्षा पूरी करते हैं और शादी के समय एक निश्चित जमा राशि में 1 लाख रुपये है जो तृणमूल सरकार की मौजूदा योजनाओं कन्याश्री और रूपाश्री से अधिक है।

भाजपा और तृणमूल दोनों ने हिंदू ओबीसी को आरक्षण देने का वादा किया है। भाजपा के घोषणापत्र में अन्य ओबीसी जातियों को आरक्षण का लाभ देने का वादा किया गया है, तृणमूल ने उन सभी समुदायों को ओबीसी का दर्जा देने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स बनाने की बात की है जिसे अभी ओबीसी में मान्यता नहीं हैं।

बंगाल की पहचान के बारे में बात करते समय भाजपा अपने प्रमुख मुद्दों जैसे सीएए को नहीं भूली। पार्टी घोषणापत्र जारी करते हुए शाह ने कहा कि सीएए को पश्चिम बंगाल में भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में लागू किया जाएगा।

भाजपा के घोषणापत्र में सभी शरणार्थियों और शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के प्रावधान के साथ शरणार्थी कल्याण योजना का वादा किया गया है।


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