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तरक्की के लिए परिवर्तन को पहचाने और अपनाएं: कमलनाथ

 मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता है कि हम देश-दुनिया और अपने आसपास हो रहे परिवर्तनों को पहचानें और इसे अपनाएं, तभी हम प्रगति कर सकते

तरक्की के लिए परिवर्तन को पहचाने और अपनाएं: कमलनाथ
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भोपाल । मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि आज सबसे बड़ी आवश्यकता है कि हम देश-दुनिया और अपने आसपास हो रहे परिवर्तनों को पहचानें और इसे अपनाएं, तभी हम प्रगति कर सकते हैं।

कमलनाथ कल रात मिंटो हाल में कान्फेडरेशन ऑफ एमपी फॉर इंडस्ट्रीज सर्विस एंड ट्रे़ड (कम्पिस्ट) समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्हाेंने कहा कि व्यापार, व्यवसाय और छोटे उद्योगों से जुड़ी समस्याओं के समाधान और सुझावों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित होगी। यह कमेटी समय-समय पर व्यापारियों, व्यवसायियों के प्रतिनिधियों से संवाद कर समस्याओं का समाधान करेगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के व्यापार-व्यवसाय और छोटे उद्योगों का मध्यप्रदेश के विकास, अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने एवं आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान है। उनके बगैर हम प्रदेश के समग्र विकास की कल्पना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि परिवर्तन को हम कैसे पहचानें और कैसे अपनाएं, यह हमारे सामने आज सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि आज से बीस साल पहले जो बड़ी-बड़ी कंपनियां थीं, वो अब नहीं हैं क्योंकि उन्होंने बदलाव की बयार को नहीं पहचाना। वो कंपनियाँ जो समय के साथ आगे बढ़ीं, उन्होंने एक मुकाम हासिल किया है।

उन्होंने ऊबर और ओला कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा कि कम समय में इन्होंने व्यापार-व्यवसाय के क्षेत्र में जो तरक्की की है, उसके पीछे मूल कारण था इन्होंने परिवर्तन के दौर को पहचाना और सफलता पायी। उन्होंने कहा कि हम शासन-प्रशासन को भी परिवर्तनों से जोड़ना चाहते हैं। इस दिशा में हमारे प्रयास जारी हैं। अगर हमने सरकार चलाने की कार्य-प्रक्रिया में बदलाव नहीं किया तो विकास के मामले में हम पिछड़ जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में हमने हर स्तर पर बदलाव का प्रयास किया है। मेग्नीफिसेंट एम.पी. के जरिए एक वातावरण का निर्माण किया है, जिसके माध्यम से निवेशकों का विश्वास हमें हासिल हुआ है। पिछले साढ़े सात माह के कार्यकाल में हमने तंत्र की उन छोटी-छोटी दिक्कतों को पहचाना है, जिनके कारण निवेशकों को परेशानी थी। उन्होंने उदाहरण दिया कि अतिरिक्त भूमि होने के बाद भी उस पर अन्य उद्योग न चला पाना और सबलीज जैसे प्रावधानों को हमने हटाया। इसके कारण लोगों का सरकार पर भरोसा बना है।


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