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खानों पर प्रतिबंध से पहले गोवा की अर्थव्यवस्था पर करें विचार : पर्रिकर

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अगले महीने से राज्य में कच्चे लोहे की खानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि सरकारों के लिए राज्य की आर्थिक गति को प्रभावित करना आसान नहीं है

खानों पर प्रतिबंध से पहले गोवा की अर्थव्यवस्था पर करें विचार : पर्रिकर
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पणजी। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अगले महीने से राज्य में कच्चे लोहे की खानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने बुधवार को कहा कि सरकारों के लिए राज्य की आर्थिक गति को प्रभावित करना आसान नहीं होता है और न्यायपालिका समेत सभी हितधारकों को निर्णय लेते समय यह ध्यान में रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, "यह तथ्य है कि फैसले के बारे में अधिक नहीं सोचने के कारण गोवा आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है।"

पर्रिकर ने संवादाताओं से कहा, "अब न्यायपालिका सहित सभी हितधारकों को आर्थि गति को ध्यान में रखना होगा। आर्थिक गति का अचानक अवरुद्ध हो जाना सरकारों के लिए आसान नहीं होता है।"

सात फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य में कच्चे लोहे की 88 खानों की पट्टा अवधि खत्म होने के बाद उनको मार्च से बंद करने का आदेश जारी कर दिया था। इसके बाद उनका यह बयान आया है।

मौजूदा सभी खानों का पट्टा रद्द करने के बाद उच्चतम न्यायालय ने कहा कि पर्यावरणीय अनुमति मिलने के बाद सभी पट्टे नए सिरे से आवंटित किए जाने चाहिए।

विधायकों से बैठक करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए पर्रिकर ने कहा कि खानों को दोबारा शुरू करने पर अगले 15-20 दिनों में आदेश लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि खानों को बंद करने का दुष्प्रभाव हालांकि 2012 जैसा नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने अटकलबाजी में लिप्त होने लिए मीडिया की भी आलोचना की।

उन्होंने कहा, "हमारे पास जब कोई नीति होगी तो आपको बता देंगे तब तक आप अनुमान लगाइए। आपके लिए अनुमान लगाना एक अच्छा व्यापार है। हमने कोई निर्णय नहीं लिया है. चर्चा के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। इसमें 15-20 दिन लगेंगे।"


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