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'समान विचारधारा वाले दल' 2019 में भाजपा को हरा सकते हैं : पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर समान विचारधारा वाली पार्टियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपानीत राजग को चुनौती पेश करने के विचार को आगे बढ़ाया है

समान विचारधारा वाले दल 2019 में भाजपा को हरा सकते हैं : पवार
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नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने एक बार फिर समान विचारधारा वाली पार्टियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन( राजग) को चुनौती पेश करने के विचार को आगे बढ़ाया है। 'द वायर' को दिए साक्षात्कार में पवार ने कहा कि देश का ताजा माहौल खासकर किसानों, मध्यमवर्गीय परिवारों और यहां तक की नौकरी मुहैया कराने में विफल रहने पर युवा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विरुद्ध' हैं।

उन्होंने कहा, "आज के समय में, मोदी संसद में सुखद अवस्था में हैं। उनकी पार्टी कई राज्यों में सत्ता में है। लेकिन, जो माहौल पनप रहा है वह किसानों, मध्यमवर्ग, अल्पसंख्यकों और यहां तक की युवाओं की मनोदशा में बड़े बदलाव का है।"

पवार ने कहा, "मोदी सरकार रोजगार के बारे में बात करती है, लेकिन चिदंबरम ने संसद में दिखाया कि कैसे केंद्र और राज्य में लाखों पद खाली पड़े हुए हैं। स्वभाविक रूप से, देश के युवा इस सरकार से नाखुश हैं। वे लोग विकल्प तलाश रहे हैं और अगर हम इस धड़े के लोगों में विश्वास पैदा करने में सफल रहे तो हमारे पास अच्छा अवसर होगा।"

यह पूछे जाने पर कि ऐसे ही पहले के प्रयास विफल हो चुके हैं, उन्होंने सकारात्मक रुख जताया लेकिन साथ में कहा कि यह अन्य पार्टियों के पहल पर भी निर्भर करेगा और इसे केवल एनसीपी पर नहीं छोड़ा जा सकता।

उन्होंने कहा, "मैं अभी भी इस विचार के बारे में निश्चिंत हूं लेकिन इसे मैं अकेले नहीं कर सकता, इसका निर्णय साथ मिलकर लेना होगा।"

पवार ने इसी तरह की कोशिश 26 जनवरी को मुंबई में की थी जहां उन्होंने 'संविधान बचाओ' कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई-एम, नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं को आमंत्रित किया था।

यह पूछे जाने पर कि मोदी द्वारा 'संभावित गठबंधन को तोड़ने के प्रयास के तहत सभी भ्रष्ट राजनीतिज्ञों को जेल भेजने को लेकर धमकाने' पर वह कैसा महसूस करते हैं उन्होंने कहा, "मोदी प्रतिशोध लेने वाले (विन्डिक्टिव) राजनीतिज्ञ हैं। अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में मैंने देखा है कि लोग प्रतिशोध की राजनीति पसंद नहीं करते।"


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