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मुझे चाहिए प्रेस और प्रमुख संस्थानों की आजादी : राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उस बात को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा है कि एक कमजोर विपक्ष के कारण केंद्र सरकार एकतरफा फैसले लेने में सक्षम हो रही है

मुझे चाहिए प्रेस और प्रमुख संस्थानों की आजादी : राहुल
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पटियाला (पंजाब)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने उस बात को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा जा रहा है कि एक कमजोर विपक्ष के कारण केंद्र सरकार एकतरफा फैसले लेने में सक्षम हो रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा, "मुझे फ्री प्रेस दे दो और अन्य प्रमुख संस्थानों को आजाद कर दो, फिर तो यह (नरेंद्र मोदी) सरकार लंबे समय तक नहीं चलने वाली।"

राहुल ने इस बात को इंगित किया कि किसी भी देश में विपक्ष एक ढांचे के भीतर काम करता है, जिसमें मीडिया, न्यायिक प्रणाली और संस्थान शामिल हैं, जो लोगों की आवाज की रक्षा करते हैं।

उन्होंने कहा, "भारत में पूरे ढांचे को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार द्वारा नियंत्रित और कब्जा कर लिया गया है। लोगों को आवाज देने के लिए डिजाइन किए गए पूरे आर्किटेक्चर पर कब्जा कर लिया गया है।"

राहुल ने कहा, "मुझे फ्री (मुक्त) प्रेस और मुक्त संस्थान दें और फिर देखें यह सरकार लंबे समय तक नहीं चलेगी।"

राहुल ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार ने सभी प्रमुख संस्थानों पर नियंत्रण कर लिया है और ऐसा उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से नहीं बल्कि जबरन किया है। राहुल ने कृषि के 'काले' कानूनों के खिलाफ पंजाब में अपनी खेती बचाओ यात्रा के तीसरे और अंतिम दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस भाजपा से लड़ रही है और यह लड़ाई आगे और अधिक आक्रामक होती जाएगी।

सरकार द्वारा संस्थानों के नियंत्रण को एक बड़ी समस्या करार देते हुए राहुल ने कहा कि आज दुनिया का कोई भी देश ऐसी स्थिति से नहीं जूझ रहा है, जहां मीडिया भी सरकार से सवाल न करे, जब उसकी जमीन दूसरे देश ने जब्त कर ली हो।

उन्होंने कहा कि मोदी को भारत के लोगों में कोई दिलचस्पी नहीं है, बल्कि वह केवल अपनी छवि की रक्षा करने और उसे चमकाने के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने चीन की घुसपैठ को भी स्वीकार कर लिया है।

राहुल ने मीडिया पर मोदी की छवि को बेहतर बनाने को लेकर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मोदी यह सहज रूप से जानते हैं कि प्रेस उनके एकतरफा बयानों को पेश करेगा।

उन्होंने मीडिया से पूछा, "आप प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनसे सवाल क्यों नहीं करते।"

राहुल ने कहा कि हालांकि सरकार ने भले ही संस्थानों पर कब्जा कर लिया हो, लेकिन तथ्य यह है कि वे किसानों, युवाओं और छोटे व्यापारियों को नियंत्रित नहीं कर सकते, जिनके हितों को वे नष्ट कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, "मैं इन लोगों के बीच काम करता हूं, जो मोदी की नीतियों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। मैं एक धैर्यवान व्यक्ति हूं और तब तक इंतजार करूंगा, जब तक भारत के लोग सच्चाई को नहीं देख लेते।"

किसानों के हित में खड़े होने का दावा करने वाले राहुल के साथ इस यात्रा के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह भी काफी मुखर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी सरकार जल्द ही केंद्र के इन कानूनों को विफल करने के लिए एक विशेष सत्र लाएगी।

राहुल ने कहा कि वह किसानों पर मोदी सरकार के हमले के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उन्होंने कहा, "मैं उनसे लड़ूंगा और उन्हें रोक दूंगा।" राहुल ने कहा, अगर एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) जाता है, तो पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे अन्य कृषि राज्यों का कोई भविष्य नहीं रह जाएगा।

मोदी की ओर से पंजाब और हरियाणा में उनके विरोध का मजाक उड़ाने संबंधी एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि उन्होंने फरवरी में भी ऐसा किया था, जब उन्होंने पहली बार कोरोना के बारे में चेतावनी दी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले के बयान पर कटाक्ष करते हुए कि भारत 22 दिनों में कोविड के खिलाफ युद्ध जीत जाएगा, कांग्रेस सांसद ने कहा, "आप खुद देख सकते हैं कि कौन अधिक समझदारी से बात करता है- मोदी या मैं।"

राहुल ने कहा, "आप (मीडिया) फैसला कर सकते हैं कि कौन मजाक कर रहा है।"

उन्होंने कहा, "खतरा वास्तविक है और इसे सिर्फ इसलिए नकारा नहीं जा सकता, क्योंकि मोदी एंड कंपनी मेरा मजाक उड़ा रही है।"


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