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मैंने दबाव को संभालना और उसे प्रेरणा में बदलना सीख लिया है : नीरज चोपड़ा

मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में अपने स्वर्ण पदक को डिफेंड करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं

मैंने दबाव को संभालना और उसे प्रेरणा में बदलना सीख लिया है : नीरज चोपड़ा
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नई दिल्ली। मौजूदा ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा पेरिस ओलंपिक में अपने स्वर्ण पदक को डिफेंड करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने दावा किया है कि वह पेरिस ओलंपिक में देश की उम्मीदों को टूटने नहीं देंगे।

नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 में पुरुषों के जैवलिन थ्रो इवेंट में 87.58 मीटर थ्रो कर जीत पक्की करते हुए ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रचा था।

पेरिस 2024 से पहले, चोपड़ा ने जियो सिनेमा के 'गेट सेट गोल्ड' पर दिनेश कार्तिक से बात की और उन्होंने यह भी बताया कि वो पेरिस 2024 में दबाव का सामना कैसे करेंगे।

चोपड़ा को पेरिस 2024 में मेडल जीतने के लिए पसंदीदा खिलाड़ियों में से एक माना जा रहा है।

नीरज ने कहा, "दबाव तो है, क्योंकि पूरे देश की उम्मीदें मुझ पर टिकी हैं। लेकिन धीरे-धीरे मैंने दबाव को संभालना और दबाव को प्रेरणा में बदलना सीख लिया है। इसलिए हम इसके लिए तैयार हैं।"

विश्व चैंपियन 2023 ने बताया कि कैसे उनकी टोक्यो 2020 जीत और उनकी हालिया विश्व चैंपियनशिप जीत ने भारतीय एथलीटों को साबित कर दिया कि वे अपने खेल में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए सभी मानसिक बाधाओं को पार कर सकते हैं।

नीरज ने कहा, "भारतीय एथलीटों की मानसिकता बदल रही है। पहले हम सोचते थे कि विदेशी एथलीट मजबूत हैं और उनके साथ प्रतिस्पर्धा करना कठिन है, पदक जीतना या ओलंपिक स्वर्ण जीतना कठिन है। लेकिन अब जब ऐसा हुआ है, तो मुझे एहसास हुआ कि यह सिर्फ एक मानसिक बाधा है।

"टोक्यो के बाद भी, मैं पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में था और फिर से मैंने स्वर्ण पदक जीता। अब मुझे यकीन हो गया है कि यह सिर्फ एक मानसिक बाधा है और कुछ नहीं।"

कार्तिक को जैवलिन थ्रो की मूल बातें बताने के बाद, चोपड़ा ने उन पांच पॉइंट्स पर चर्चा की, जो उनके अनुसार एक ओलंपिक चैंपियन तैयार करती है।

सबसे पहले, मुझे लगता है कि आपको अपने प्रशिक्षण पर 100 प्रतिशत ध्यान देना चाहिए और सबसे बड़ी बात अपने खेल के प्रति सम्मान होना चाहिए।

दूसरा, आपकी डाइट और रिकवरी। तीसरा, आप कितनी अच्छी तरह से प्रशिक्षण ले रहे हैं और क्या एक खास प्लान के साथ चीजें कर रहे हैं। यह कड़ी मेहनत के साथ-साथ स्मार्ट वर्क भी होना चाहिए। फिर, हमारा परिवार, हमारे आस-पास के लोग, जो हमसे प्यार करते हैं और हमारे बारे में सोचते हैं, वे हमेशा हमें आगे बढ़ने में मदद करते हैं।

आखिरी चीज जो मुझे सबसे महत्वपूर्ण लगती है, वह है आत्मविश्वास। कभी-कभी, मुझे लगा है कि मेरा थ्रो आखिरी थ्रो तक सही नहीं रहा है। लेकिन मुझे अभी भी खुद पर विश्वास है कि मुझे इसे अंत तक करना है। और कई प्रतियोगिताओं में, मेरा आखिरी थ्रो सबसे अच्छा रहा है।"

चोपड़ा इस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ जैवलिन थ्रो खिलाड़ियों में से एक हैं। वे मौजूदा ओलंपिक (टोक्यो 2020) और विश्व चैंपियन (बुडापेस्ट 2023) हैं। उन्होंने यूजीन में 2022 विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।

26 वर्षीय चोपड़ा ने दो बार एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक (2018 जकार्ता, 2022 हांगझोऊ) जीता है और 2018 राष्ट्रमंडल खेलों (गोल्ड कोस्ट) में भी स्वर्ण पदक जीता है।


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