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उमा जी के सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी: रामदेव

 योग गुरु स्वामी रामदेव ने उनके वक्तव्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के आहत होने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा है

उमा जी के सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी: रामदेव
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नयी दिल्ली। योग गुरु स्वामी रामदेव ने उनके वक्तव्य से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री उमा भारती के आहत होने पर खेद व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका इरादा भारती के सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं था बल्कि उनका इशारा गंगा कार्ययोजना में उनके सामने आने वाली कठिनाइयों की ओर था।

भारती द्वारा कल लिखे गये पत्र के जवाब में बाबा रामदेव ने ट्वीट करके कहा, “पूज्य सुश्री भारती जी के साथ मेरा आध्यात्मिक भाई-बहन का संबंध है। उनके सम्मान को आहत करने की मेरी कोई मंशा नहीं थी। मेरा मकसद गंगा की कार्ययोजना पर उन्हें आ रही प्रारम्भिक एवं प्रशासनिक कठिनाइयों की ओर इशारा करना भर था। उनकी गंगा-निष्ठा, धर्म-निष्ठा और राष्ट्र-निष्ठा प्रशंसनीय है।”



भारती ने अपने तीन पृष्ठों के पत्र में कहा था कि 23 जून को लंदन में थेम्स नदी के किनारे बाबा रामदेव ने गंगा की याेजना के संबंध में कुछ टिप्पणियां कीं थीं। उन्होंने कहा कि इस योजना में श्री गडकरी और वह दाेनों ही शुरू से मिलकर काम कर रहे थे। उनका समय योजना बनाने का था और अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी उसका क्रियान्वयन कर रहे हैं। लेकिन उसमें दोनों की भूमिका है।

उन्होंने पत्र में कहा था कि लंदन में टीवी पर दुनिया के सामने बाबा रामदेव द्वारा दोनों मंत्रियों के काम की तुलना करते वक्त शायद उन्हें ध्यान नहीं रहा कि इससे उन पर निजी तौर पर हमला हो रहा है और उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंच रही है। उन्होंने बाबा रामदेव से कहा कि उनके मुंह से निकला कोई ‘जुमला’ उन्हें (सुश्री भारती) कितनी हानि पहुंचा सकता है।


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