Top
Begin typing your search above and press return to search.

'ऐसे माहौल में और जीना नहीं चाहता', राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा क्यों कहा

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को भावुक नजर आए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस माहौल में मैं ज्यादा जीना नहीं चाहता

ऐसे माहौल में और जीना नहीं चाहता, राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने ऐसा क्यों कहा
X

नई दिल्ली। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बुधवार को भावुक नजर आए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस माहौल में मैं ज्यादा जीना नहीं चाहता।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि कल मैं यहां लास्ट मोमेंट में नहीं था। उस समय माननीय सदस्य घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में एक समस्या उठाई थी। शायद उनके मन में क्या था, मुझे मालूम नहीं। पॉलिटिक्स में ये मेरा पहला जनरेशन है, मैं अकेला राजनीति में हूं। बाकी सब मर गए थे, पिता जी ने ही मुझे पाला-पोसा और उनके आशीर्वाद से ही मैं यहां तक पहुंचा। मेरे पिता 85 साल की उम्र में गुजर गए थे। इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उनसे कहा कि मैं चाहता हूं कि 95 से भी आप आगे जाएं, आपके मुंह से गलत नहीं निकला है।

इसके बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने भावुक होते हुए कहा कि इस माहौल में ज्यादा दिन जीना नहीं चाहता। मुझे बुरा लगा कि तिवाड़ी जी ने यह कहा कि खड़गे का नाम मल्लिकार्जुन है। यह शिव का नाम है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मेरे मां-बाप ने नाम बहुत सोच कर रखा था। मेरे परिवार में से सिर्फ मैं अकेला राजनीति में आया हूं। उनको मेरे नाम मल्लिकार्जुन से क्या दिक्कत है।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे आगे गुस्से में कहते हैं कि मेरा पूरा खानदान ही पॉलिटिक्स में है, अगर परिवारवाद पर निकालूंगा तो यहां बहुत लोग बैठे हैं। मेरे आखों के सामने हैं, मेरे बाजू में हैं, मेरे हर तरफ है, मैं चाहता हूं उनके बयान को हटाया जाए।

दरअसल, वह मंगलवार को राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद घनश्याम तिवाड़ी की एक बयान से आहत थे। घनश्याम तिवाड़ी ने मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम पर कुछ टिप्पणी की थी और उनके ऊपर परिवारवाद का आरोप भी लगाया था।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it