मैं मोदी, शाह को बहस की चुनौती देता हूं : पित्रोदा
राहुल गांधी के विश्वासपात्र सैम पित्रोदा ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जवानों या शस्त्र बलों के लिए कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा

- गौतम दत्त
नई दिल्ली। राहुल गांधी के विश्वासपात्र सैम पित्रोदा ने शनिवार को कहा कि उन्होंने जवानों या शस्त्र बलों के लिए कुछ भी अपमानजनक नहीं कहा। इसके साथ ही उन्होंने अपनी टिप्पणी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के अन्य शीर्ष लोगों के दावे को एक सफेद झूठ करार दिया।
पित्रोदा पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर हवाई हमलों के दावों पर कथित तौर पर सवाल खड़े करने को लेकर विवादों में आ गए हैं।
सैम ने आईएएनएस के साथ विशेष बातचीत में कहा कि उनकी टिप्पणियों के जिस 40 मिनट के टैप ने तूफान खड़ा कर रखा है, वह हर किसी के लिए उपलब्ध है और यदि कोई उसमें ऐसा कुछ निकाल दें जो हमारे जवानों या हमारी सेना के लिए कहीं से अपमानजनक है, तो मैं खुशी-खुशी माफी मांगने को तैयार हूं, यदि ऐसा नहीं है तो मैं उन्हें (प्रधानमंत्री, जेटली और अमित शाह को) एक सार्वजनिक मंच पर बहस करने की चुनौती देता हूं।
उन्होंने कहा, "यह क्या बकवास है.. आप किसी का चरित्र हनन कर सकते हैं। मैंने यहां 30 साल काम किए हैं। मैंने अपनी अमेरिकी नागरिकता बदल कर भारतीय कर ली और आप झूठ के जरिए मुझ पर हमला करना चाहते हैं।"
उन्होंने कहा कि 40 मिनट के वीडियो में कहीं भी जरा भी वसा कुछ नहीं है, जैसा प्रधानमंत्री या अमित शाह ने कहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैम पित्रोदा की टिप्पणी पर कहा है कि कांग्रेस के दरबारी ने उस बात को स्वीकार किया है जिसे देश पहले से जानता है- कांग्रेस आतंकी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहती थी। मोदी ने लिखा है, "विपक्ष समय-समय पर हमारे बलों का अपमान करता हैं। मैं अपने भारतीय लोगों से अपील करता हूं : विपक्षी नेताओं से उनके बयानों पर सवाल पूछें। उन्हें बताएं कि 130 करोड़ भारतीय विपक्ष को उनकी नकारात्मकता के लिए माफ नहीं करेंगे।"
आईएएनएस ने बालाकोट स्ट्राइक पर पित्रोदा का पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने कहा कि यह कहना कठिन है। उन्होंने कहा, "मैंने सिर्फ सवाल पूछे। आपने कहा कि 300 लोग मारे गए। मैंने सबूत मांगे। देश के नागरिक के नाते मुझे इसका अधिकार है। मैं एक वैज्ञानिक हूं। मैं आकड़े में विश्वास करता हूं। वास्तव में इन चीजों को लेकर मैं भावुक नहीं हूं। मैं तथ्य चाहता हूं। मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स में पढ़ा कि एक भी व्यक्ति नहीं मारा गया, आप मुझे बताते हैं 300 मारे गए। मैं जानना चाहता हूं। इसमें क्या गलत है, यह तो किसी के प्रति अपमान नहीं है।"
उन्होंने कहा, "मैं अपने बलों का सम्मान करता हूं, मैं उनकी कुर्बानी की प्रशंसा करता हूं, लेकिन मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं।"
पित्रोदा ने इस बात से इंकार नहीं किया कि उनकी टिप्पणी पर भाजपा मशीनरी की प्रतिक्रिया येदियुरप्पा डायरी के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए है। उन्होंने यह भी कहा कि इसका एक अन्य कारण यह भी है कि 'वे (मोदी और अन्य) मुझे अच्छी तरह जानते हैं।"
उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी मुझे सत्यन भाई (उनका असली नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है) कहते हैं। निजी तौर पर मेरी पत्नी से उनकी अच्छी जान-पहचान हैं, और वे जानते हैं कि सैम पित्रोदा कौन है। वे भयभीत हैं कि मैं यहां हूं और दो महीने प्रचार अभियान में शामिल रहूंगा।"
पित्रोदा ने कहा, "मुझे बहुत सारे राज मालूम हैं। मेरे पास न तो कोई बैंक खाता है, न संपत्ति है। न तो महिलाओं को लेकर कोई कहानी है। मैं एक गांधीवादी हूं, कर को लेकर कभी झूठ नहीं बोला। इसलिए कोई भी किसी भी तरह से मेरे ऊपर कोई उंगली नहीं उठा सकता।"


