हैदराबाद: उस्मानिया अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर
सरकार द्वारा संचालित उस्मानिया जनरल अस्पताल(ओजीएच) के जूनियर चिकित्सक यहां अपने सहयोगियों पर एक मरीज के परिजनों द्वारा किए गए हमले के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं
हैदराबाद। सरकार द्वारा संचालित उस्मानिया जनरल अस्पताल(ओजीएच) के जूनियर चिकित्सक यहां अपने सहयोगियों पर एक मरीज के परिजनों द्वारा किए गए हमले के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं। लगभग 250 जूनियर चिकित्सकों और हाउस सर्जनों ने आपात सेवाओं को छोड़कर बाकी अपनी ड्यूटी का रविवार रात से बहिष्कार कर दिया है। उनकी मांग है कि उन्हें सुरक्षा देने के अलावा हमले में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
चिकित्सकों की हड़ताल से ओजीएच पर इसका असर देखा जा रहा है। तेलंगाना में स्थित यह अस्पताल देश के सबसे पुराने अस्पतालों में से एक है और सरकारी सहायता से संचालित होता है।
शहर के अलग-अलग हिस्सों और अन्य जिलों एवं पड़ोसी राज्यों से आ रहे मरीजों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। रविवार रात इलाज के दौरान एक महिला मरीज की मौत हो गई, जिसके बाद उसके चार परिजनों ने दो महिला जूनियर चिकित्सकों और ड्यूटी पर तैनात एक चिकित्सक पर हमला कर दिया था।
70 वर्षीय मरीज की मौत गहन चिकित्सा इकाई में गंभीर स्थिति में हुई थी।मृतक मरीज के परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आईसीयू के अंदर जाकर उन पर हमला किया था।
तेलंगाना जूनियर चिकित्सक संघ ने चिकित्सकों पर बढ़ते हमलों के खिलाफ हड़ताल का आह्वान किया है। संघ का कहना है कि एक महीने के अंदर ओजीएच में यह चौथी घटना है।
ओजीएच के अधीक्षक जी. वी. एस. मूर्ति ने हड़ताल समाप्त करने के लिए चिकित्सकों को मनाने की कोशिश की। उन्होंने चिकित्सकों की मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की है और तीन दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
ओजीएच में इस तरह की घटनाओं और पहले गांधी अस्पताल में हुए हमलों को देखते हुए अधिकारियों ने चिकित्सकों को सुरक्षा देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। चिकित्सक संघ ने मांग की है कि अस्पतालों के वार्डो में सुरक्षा बल तैनात किए जाएं और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।


