पति पत्नी की तू-तू, मैं-मैं देख दर्शक अपनी हँसी ना रोक पाए
हिंदी भवन समिति द्वारा "तू-तू-मैं-मैं" हास्य नाटक का आयोजन हिंदी भवन के दिनेश चंद गर्ग सभागार में किया गया

गाजियाबाद। हिंदी भवन समिति द्वारा "तू-तू-मैं-मैं" हास्य नाटक का आयोजन हिंदी भवन के दिनेश चंद गर्ग सभागार में किया गया। इस नाटक की प्रस्तुति उत्सव, नई दिल्ली द्वारा की गई एवं नाटक का निर्देशन दक्षा शर्मा द्वारा किया गया। इस हास्य नाटक के सयोंजक ललित जयसवाल रहे।
नाटक में पति-पत्नी की आपसी नोंक-झोक की छोटी-छोटी घटनाओं को बड़े ही मनमोहक अंदाज में प्रस्तुत किया गया।
नाटक में नायक किशोर और उनकी पत्नी लाजवंती में किसी बात को लेकर झगड़ा हो जाता है झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि लाजवंती अपने पति किशोर से तलाक मांगती है।
किशोर का दोस्त नारायण आकर लाजवंती को समझाता है कि इस लड़ाई का हल तलाक नहीं है। लाजवंती को किशोर से बहुत सी शिकायतें हैं जो हर पत्नी को पति से होती हैं। नाटक देखते- देखते दोनों पति-पत्नी के झगड़े से उत्पन्न मार्मिक मनोदशा, दर्शकों को अपनी ही लाइफ की कहानी लगने लगती है।
कहानी के अंत में दोनों पति-पत्नी में मेल हो जाता है।
इस नाटक का सार कुछ यूं रहा कि इन्हीं खट्टी मीठी नोक झोंक की वजह से ही जिंदगी हसीन लगती है यही है 'तू तू मैं मैं'
नाटक में लाजवंती की भूमिका दक्ष शर्मा, किशोर की भूमिका मनीष मिश्रा, नायक की भूमिका पंकज चुग और नौकर की भूमिका को जतिन ने बहुत खूबी से निभाया।
इस हास्य नाटिका की सुंदर प्रस्तुति को देखकर हिंदी भवन में उपस्थित सभी दर्शकों को अपनी हंसी रोक नहीं गई। इस अवसर पर समाजसेवी आर0बी0एल0 गोस्वामी ने नाटक के निर्देशक को स्मृति चिन्ह देकर हौसला अफजाई करी। इस अवसर पर मुख्य रुप से सतीश चंद गोयल, योगेश गर्ग,सुभाष गर्ग, उदिता त्यागी, अशोक गोयल, अरुण सिंधल, अजित निगम एवम नीरज गोयल आदि गणमान्य उपस्थित रहे जिन्होंने नाटक के कलाकारों का ताली बजाकर उत्साहवर्धन किया।


