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पीने के पानी को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में मचाया हंगामा

ग्राम पंचायत घिवरी में पीने के पानी की समस्या से हलाकान ग्रामीण कलेक्टर जनदर्षन में ज्ञापन सौपने पहुंचे कलेक्टोरेट में तकरीबन एक घण्टे तक जमकर नारेबाजी करते रहे

पीने के पानी को लेकर सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट परिसर में मचाया हंगामा
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बेमेतरा। ग्राम पंचायत घिवरी में पीने के पानी की समस्या से हलाकान ग्रामीण कलेक्टर जनदर्षन में ज्ञापन सौपने पहुंचे कलेक्टोरेट में तकरीबन एक घण्टे तक जमकर नारेबाजी करते रहे। मौके पर पहुंचे प्रषासनिक एवं पुलिस के आला अधिकारी अपने तरफ से सभी ग्रामीणों को समझाने का भरसक प्रयास करते रहे किन्तु ग्रामीण कलेक्टर से मिलकर अपनी समस्या से उन्हे अवगत कराने अडिग रहे।

अधिकारियों के समझाइस के बाद अंतत: 8 से 10 ग्रामीणो का प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर से मिलने राजी हुये, तब जाकर ग्रामीण शांत हुये और अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली चार बार कलेक्टर जनदर्षन में आवेदन देने बाद भी नहीं हुआ समस्या का हल- उपस्थित अधिकारियो से चर्चा के दौरान साजा जनपद पंचायत सदस्य के पति रामअवतार कष्यप पे बताया कि ग्राम घिवरी में मानसूनी प्रकोप के चलते काफी कम बारिष हुई थी।

जिसके वजह से पीने के पानी एवं निस्तारी की समस्या गांव में विगत कई माह से मुंहबाये खड़ी हैं। गावं के लोग ग्रीष्मकाल के पूर्व से ही पानी को लेकर भयभीत व चितित हैं। इस संबंध मेें समस्या हल करने के लिये कलेक्टर जनदर्षन में बीते चार बार से आवेदन सौपा जा रहा है किन्तु समस्या यथावत बनी हुई हैं। किसी प्रकार से अधिकारियों के द्वारा ग्रामीणों की समस्या दूर करने न सुनवाई हो रही हैं और न ही परेषानी दूर हो रही हैं। पीने के पानी के लिये स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी लगातार गा्रमीण अवगत करवा रहे है। बावजूद समस्या वही का वही बना हुआ हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव लाभचन्द बाफना ने समस्या का तत्काल निदान करने लिखित आदेष भी जिला के प्रषासनिक अधिकारियों को दिया गया है लेकिन अधिकारी चुप बैठे हुए हैं और गांव में बच्चे, बूढ़े सभी विगत 3 माह से तालाब, पोखर का पानी पीकर अपना जीवन चला रहें है।

नारेबाजी के साथ लगातार होता रहा हंगामा- कलेक्टर को कक्ष से बाहर आकर आवेदन लेने की मांग को लेकर एक तरफ ग्रामीण नारेबाजी कर हंगामा करते रहे वही दूसरी तरफ अधिकारीगण ग्रामीणों को प्रतिनिधि मंडल के रूप में मिलाने की बात कर समझाने की हर संभव कोषिष करते रहें। ग्रामीणों का कहना था कि हम लोग हंगामा, नारेबाजी और बात करने नहीं आयें हैं बल्कि गांव में गंभीर हुए जा रहे पीने के पानी व निस्तारी के साधन जैसी समस्या का समाधान चाहिए।

इसलिए कलेक्टर बाहर आकर हमारा आवेदन ले लें। पानी के लिए हम जेल जाने के लिए भी तैयार हैं। गांव के लोग गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। सभी ग्रामीण आषंकित व डरे हुए हैं कि गांव में कोई अप्रिय स्थिति न आ जायें। इस बीच जिला सरपंच संघ के अध्यक्ष राजेषदत्त दुबे भी आक्रोषित ग्रामीणों को समझाने आयें परन्तु ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। 1 घण्टे तक हंगामा व नारेबाजी चलने के बाद अंतत: अधिकारियों की समझाइस पर प्रतिनिधि मंडल के रूप में लगभग 10 ग्रामीण रामवातार कष्यप के नेतृत्व में कलेक्टर से चर्चा करने को तैयार हुए।



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