मंदलोर के शिविर में पड़े मिले सैकड़ों आवेदन
समीपस्थ ग्राम मंदलोर में शुक्रवार को लोक सुराज अभियान शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों के दिए आवेदन व अभिलेख सूने पंडाल में बिखरे पड़े मिले

नवापारा-राजिम। समीपस्थ ग्राम मंदलोर में शुक्रवार को लोक सुराज अभियान शिविर में सैकड़ों ग्रामीणों के दिए आवेदन व अभिलेख सूने पंडाल में बिखरे पड़े मिले। इन आवेदनों को ग्रामीणों के सहयोग से विधायक धनेंद्र साहू ने एकत्र कर नवापारा थाने ले गए। जहां शिकायती आवेदन को टीआई मथुरा सिंह ठाकुर के सुपुर्द इस हिदायत के साथ किया कि इस पर पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। इस दौरान सरपंच मीलेश धु्रव ने भी सूने पंडाल में अभिलेख व आवेदन बिखरे होने की पुष्टि की।
दरअसल शुक्रवार को ग्राम मंदलोर में आयोजित षिविर में सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक आयोजित षिविर में राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष चन्द्रषेखर साहू, अपेक्स बैंक अध्यक्ष अषोक बजाज व विधायक धनेन्द्र साहू मौजूद हुए। इन सभी की मौजूदगी में विकासखंड के अनेकों विभागों के अधिकारी-कर्मचारियों ने स्टॉल लगाकर निर्धारित 9 ग्रामवासियों से उनकी समस्याओं एवं मांगों से संबंधित आवेदन लिए थे और उनकी पावती भी दी गई थी।
दोपहर 2 बजे के बाद षिविर बंद हो जाने के बाद लोग वापिस लौट गए। सुराज में मिले अभिलेख व सैकड़ों आवेदनों को उन गांव के पंचायतों के सचिव पंजीबद्ध कर संबंधित विभागों को प्रेषित करते हैं। घटना के दौरान सभी सचिव पंडाल से नदारद थे। इधर आवेदन व रजिस्टर थाने पहॅुंचने की जानकारी मिलते ही षिविर के जिम्मेदारों के हाथ-पांव फूल गए और वे दौड़े-दौड़े थाना पहॅुंच गए। पहले तो वे विधायक व थाना प्रभारी को इधर-उधर की बात कहते रहे, फिर गलती पकड़े जाने पर अपनी लापरवाही कबूलते हुए विधायक से हाथ जोड़ने लगे। विधायक द्वारा साफ तौर पर कह दिया गया कि उनके हाथ में कुछ नहीं है। उन्होंने ग्रामवासियों के साथ आवेदन और रजिस्टर थाने में जमा करवा दिए हैं।
समाधान शिविर में इन गांवों के आवेदन पंडाल में मिले
विधायक ने कहा कि सरकार पर विश्वास करके ग्रामीण इतने आशान्वित हो, पूरे दिन का काम छोड़ ढेरों फोटो कॉपी और टाइप किए आवेदन लेकर शिविर में पहुंचते हैं। यह लापरवाही दर्शाती है कि कर्मचारी ऐसे शिविर और इनमें पहुंची शिकायतों के प्रति कितने गंभीर हैं। जिन 9 पंचायतों के अभिलेख और आवेदन पाए गए, उनमें ग्राम आलेखूंटा, खोल्हा, मंदलोर, जामगांव, नवागांव (क), थनौद, उमरपोटी, तर्रा, गिरोला और ढोढरा आदि गांव के सैकड़ों आवेदन मिले हैं।


