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परमार्थ की भावना के बिना मानव जीवन सम्पूर्ण नहीं: खट्टर

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि मानव जन्म लेकर भी यदि मन में समाज के जरूरतमंद व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता और परमार्थ की भावना न हो तो ऐसे मानव जीवन को सम्पूर्ण नहीं कहा जा सकता

परमार्थ की भावना के बिना मानव जीवन सम्पूर्ण नहीं: खट्टर
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हिसार। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि मानव जन्म लेकर भी यदि मन में समाज के जरूरतमंद व्यक्तियों के प्रति संवेदनशीलता और परमार्थ की भावना न हो तो ऐसे मानव जीवन को सम्पूर्ण नहीं कहा जा सकता है।

खट्टर ने आज हिसार जिले के खांडा खेड़ी गांव में वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु द्वारा आयोजित 151 बेटियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम के पहले दिन बतौर मुख्यातिथि उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुये यह बात कही।

उन्होंने इस अवसर पर विवाह बंधन में बंधे 60 नव विवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखद भविष्य की कामना की और इस आयोजन के लिए वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु और परममित्र मानव निर्माण संस्थान के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि आज समाज को परम मित्र मानव निर्माण संस्थान जैसी चरित्र निर्माण करने वाली संस्थाओं की बहुत जरूरत है क्योंकि अच्छे चरित्र का निर्माण किए बिना आदर्श समाज का निर्माण सम्भव नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस संस्थान ने गत वर्ष 63 गरीब कन्याओं का सामूहिक विवाह कराया था और इस वर्ष इस संख्या में दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ौतरी हाेने पर उन्हें बेहद खुशी है। उन्होंने कहा कि 151 बेटियों के सामूहिक विवाह का यह आयोजन हरियाणा में सम्भवत: अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर खांडा खेड़ी गांव में संस्थागत कार्यों के लिए अपने स्वैच्छिक कोष से एक करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंची महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने भी अनुदान स्वरूप 21-21 लाख रुपये देने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री ने विभागीय योजनाओं के तहत प्रत्येक नव विवाहित जोड़े को एक लाख एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता के चेक भी प्रदान किए। उन्होंने नव दम्पतियों को कन्या भू्रण हत्या न करने, स्वच्छता अपनाने तथा समाज सेवा के कार्यों में सहयोग की शपथ भी दिलाई।

अपने इस दौरे के दौरान मुख्यमंत्री ने 8.80 करोड़ रुपये की लागत से भकलाना गांव में निर्मित आईटीआई भवन, 7.80 करोड़ रुपये की लागत से राखी शाहपुर गांव में निर्मित आईटीआई भवन तथा माजरा प्याउ गांव में 4.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आईटीआई के नए खंड का उद्घाटन किया।

उन्होंने सिसाय बोलान में 8.31 करोड़ रुपये से आठ एकड़ में बनने वाली आईटीआई तथा खांडा खेड़ी गांव में 34 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले मुर्राह अनुसंधान एवं कौशल विकास केंद्र का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश सरकार ने अपना पिछला बजट 1.15 लाख करोड़ रुपये का पेश किया था जो पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम बजट से लगभग दोगुना था।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में धन की कमी पहले भी नहीं थी, लेकिन पूर्ववर्ती सरकारों के समय यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता था। लेकिन वर्तमान सरकार ने प्रदेश के सभी 90 हलकों का समान विकास करा कर ‘सबका साथ सबका विकास’ के अपने नारे को सार्थक किया है।

इस अवसर पर कैप्टन अभिमन्यु ने गुजरात जाने का कार्यक्रम रद्द इस आयोजन में पहुंचने के लिये श्री खट्टर का आभार प्रकट किया और कहा कि वह गत वर्ष भी ऐसे ही एक आयोजन में अपना आशीर्वाद देने आए थे।

उन्होंने कहा कि खांडा खेड़ी और उनका स्वयं का घर इन बेटियों का मायका रहेगा। उन्होंने नव विवाहित बेटियों से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों की शादी में भात भरने के लिए भी उन्हें याद करेंगी तो यह उन पर अहसान होगा।

श्रीमती जैन ने कन्यादान को महादान बताया। उन्होंने कहा कि आज इतनी अधिक संख्या में जरूरतमंद परिवारों की बेटियों का कन्यादान कर वित्त मंत्री ने एक नया उदाहरण समाज के समक्ष प्रस्तुत किया है।

श्री बेदी ने कहा कि परमात्मा ताकत और सामर्थ्य तो बहुत लोगों को देता है लेकिन इनका इस्तेमाल समाज हित में करने का जज्बा सबमें नहीं होता। वित्त मंत्री के मन में इस भावना और ताकत का पैदा होना उन पर परमात्मा की अपार कृपा का उदाहरण है जिसके माध्यम से गरीबों की बेटियों को सम्मान देने का विशेष उपक्रम उनके द्वारा किया गया है। उन्होंने नवदंपतियों का जीवन मंगलमय होने की कामना की।

सामूहिक विवाह समारोह में नव दंपतियों को अल्मारी, गैस सिलेंडर व चूल्हा, कुर्सी, मेज, चादर, तकिया, कंबल, सिलाई मशीन, आभूषण, कूलर, चटाई, कपड़े और अन्य घरेलू सामान दिया गया। बारातियों और अन्य उपस्थितगण के लिए भोजन और देसी घी के पकवान की व्यवस्था भी गई थी।


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