Top
Begin typing your search above and press return to search.

इंसान को अपने लाभ के लिए तकनीकी को संचालित करना सीखना होगा-न्यायाधीश वी. रामसुब्रह्मण्यन

56 कॉमनवेल्थ देश टेक्नोलॉजी और कानून पर चर्चा करने के लिए एक साथ आए

इंसान को अपने लाभ के लिए तकनीकी को संचालित करना सीखना होगा-न्यायाधीश वी. रामसुब्रह्मण्यन
X

ग्रेटर नोएडा। लॉयड लॉ कॉलेज में कॉमनवेल्थ लीगल एजुकेशन एसोसिएशन और इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली, सीएलईए के 50 साल मनाने जा रहे हैं। यह एक कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो रहा है, जो विषय ष्टेक्नोलॉजी के माध्यम से कानूनी शिक्षा का विस्ताररू मुद्दे और चुनौतियांष् पर आधारित है।

2 से 5 मार्च तक कॉन्फ्रेंस एक अद्वितीय मंच है जहां कानूनी शिक्षाविद और वकील विचारों को साझा करने आए हैं, और कॉमनवेल्थ में कानूनी शिक्षा और अभ्यास के भविष्य के लिए एक रास्ता तैयार करने के लिए एक साथ आए हैं।

क्लेआ कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन भारतीय सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश वी. रामसुब्रह्मण्यन की उपस्थिति में हुआ, जो कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे और उप-मुख्य अतिथि के रूप में भारत के अटोर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी और बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल श्री ए.एम. अमीर उद्दीन उपस्थित थे।

अन्य विशेष अतिथि में शामिल हैं - डेविड मैकक्वॉइड मेसन, अध्यक्ष, क्लेआ, प्रोफेसर, क्वाजुलू-नेटल विश्वविद्यालय, दक्षिण अफ्रीकाय जॉन हैचार्ड, स्कूल ऑफ लॉ, बकिंगहैम विश्वविद्यालय, यूकेय एस. शिव कुमार, आईएलआई, नई दिल्लीय मनोज कुमार सिन्हा, निदेशक, भारतीय विधि संस्थान, नई दिल्ली।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति वी. रामसुब्रमण्यन ने मुख्य विषय के महत्व पर जोर दिया और कहा कि ‘टेक्नोलॉजी’ ने ‘विद्वान’ शब्द की परिभाषा तक बदल दी है जहाँ अब यह सिर्फ पढ़ने और लिखने की क्षमता को नहीं बल्कि टेक्नोलॉजी को अपनाने की क्षमता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि समय के साथ ही कानून का अध्ययन भी अधिक ‘ट्रांसनेशनल’ हो गया है और टेक्नोलॉजी और एआई इसे और आसान बना रहे हैं।


Next Story

Related Stories

All Rights Reserved. Copyright @2019
Share it