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बगैर फिटनेस दौड़ रहीं स्कूली बसों पर कसेगा शिकंजा

आरटीओ के प्रवर्तन अनुभाग ने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़कों पर दौड़ रही स्कूल बसों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है

बगैर फिटनेस दौड़ रहीं स्कूली बसों पर कसेगा शिकंजा
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गाजिाबाद। आरटीओ के प्रवर्तन अनुभाग ने बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़कों पर दौड़ रही स्कूल बसों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। विभाग ने चार टीमें बनाईं और उन्हें सभी स्कूल बसों का फिटनेस सर्टिफिकेट चेक करने के निर्देश दिए। साथ ही जिन बसों के अब तक फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बनवाए गए हैं, उन स्कूलों को नोटिस जारी कर एक हफ्ते के भीतर फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल करने के निर्देश दिए हैं।

एआरटीओ (प्रशासन) विश्वजीत सिंह का कहना है कि जिले में कुल 1498 स्कूल बसें हैं। इसमें से 1419 का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया गया है।

जबकि 79 स्कूल बसें अब तक फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरटीओ नहीं आई हैं इसलिए इन बसों से जुड़े करीब 35 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। प्रवर्तन अनुभाग की टीमें स्कूल बसों को चलाने वाले ड्राइवरों के लाइसेंस को चेक करेगी। देखा जाएगा कि ड्राइवर के कमर्शल लाइसेंस है या नहीं।

अगर कमर्शल लाइसेंस नहीं होगा तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उनके वर्तमान लाइसेंस को कैंसल करने की भी कार्रवाई की जाएगी। एआरटीओ प्रशासन विश्वजीत सिंह ने बताया कि 79 बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए 35 स्कूलों को नोटिस जारी किया है। उन्हें एक सप्ताह का समय दिया गया है। अगर उन्होंने सर्टिफिकेट नहीं बनवाए तो स्कूल बसों को सीज कर दिया जाएगा।

आज लखनऊ में होगी आरटीओ के काम की समीक्षा

आरटीओ के काम की समीक्षा 14 सितंबर यानि आज होगी। लखनऊ में बुलाई गई बैठक में विभाग के अधिकारियों को बताना होगा कि पिछले एक साल में दिए गए निर्देशों पर कितना काम किया गया है। ये तो तय है कि इस बैठक में आरटीओ के कामकाज की पोल खुलने वाली है। प्रवर्तन अनुभाग के कार्यों की समीक्षा प्राथमिकता से की जाएगी। बताना होगा कि काली फिल्म, बिना हेल्मेट और बिना सीट बेल्ट के मामले पर कितने चालान किए गए हैं।

ओवरलोडिंग की कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट भी मांगी गई है। रेडियो टैक्सी के संचालन में विभाग ने क्या प्लान बनाया है। यदि कोई प्लान बना था तो उसकी प्रगति रिपोर्ट को पेश करना होगा। प्राइवेट प्रदूषण जांच केंद्रों की कितनी बार विभाग ने जांच की, साथ ही प्राइवेट मोटर ट्रेनिंग स्कूल को लेकर अभी तक क्या कार्रवाई की गई है। इसकी भी पूरी रिपोर्ट देनी होगी। इसमें संभागीय परिवहन कार्यालय को यह भी बताना होगा कि उच्चाधिकारी ने निरीक्षण करने के बाद जो निर्देश दिए, उसको पूरा किया गया है या नहीं। यदि नहीं पूरा किया गया तो उसके पीछे क्या कारण रहा। फिलहाल विभाग के अधिकारी इसकी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे हुए हैं।


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